Farrukhabad incident – भाजपा शासन पर विपक्ष का हमला — “संविधान और विधान दोनों खतरे में
Farrukhabad incident – भाजपा सरकार पर एक बार फिर तीखा राजनीतिक हमला हुआ है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि भाजपा के शासनकाल में न केवल संविधान बल्कि विधान की मूल भावना भी खतरे में है। बयान में कहा गया है कि जब अधिकारी ही कानून का उल्लंघन करने लगें, तो फिर उनमें और उन अपराधियों में कोई अंतर नहीं रह जाता जो कानून तोड़ते हैं।
विपक्ष ने कहा कि शासन और प्रशासन का आधार *विधि और संविधान* होना चाहिए, न कि किसी की *मनमानी और सत्ता का दुरुपयोग*। भाजपा पर आरोप लगाया गया है कि उसने प्रशासन का *चुनावी उपयोग और भ्रष्टाचारीकरण* कर उसे **निरंकुश** बना दिया है।
फ़र्रुख़ाबाद का ज़िक्र करते हुए कहा गया कि वहां प्रशासनिक नाइंसाफ़ी का इतिहास रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रशासन की *धांधली और लाठीचार्ज* को भी याद किया गया, जिसे “लोकतंत्र पर कलंक” बताया गया।
विपक्षी नेताओं ने कहा कि उस समय के उच्च अधिकारियों के विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए थी, क्योंकि उन्होंने भाजपा के हित में गंभीर अनियमितताएं की थीं। बयान में आगे कहा गया — “आज वे अधिकारी उन्हीं ‘कुकर्मों’ के इनाम के रूप में ऊँचे पदों पर बैठे हैं, लेकिन इतिहास उन्हें नहीं भूलेगा। भविष्य उनके हर कृत्य का हिसाब ज़रूर करेगा।” यह बयान प्रदेश की सियासत में एक बार फिर प्रशासनिक निष्पक्षता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर बहस को तेज़ कर गया है।