Colombo: श्रीलंका में भारतीय अनुदान से महात्मा गांधी आदर्श गांव का उद्घाटन, 24 परिवारों को मिला नया आशियाना
Colombo: भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय सहयोग की एक नई मिसाल कायम करते हुए भारत के उच्चायुक्त संतोष झा और श्रीलंका के आवास, निर्माण एवं जलापूर्ति मंत्री डॉ. सुशील रणसिंघे ने अम्पारा जिले में संयुक्त रूप से महात्मा गांधी आदर्श ग्राम का उद्घाटन किया। भारत सरकार की आर्थिक सहायता से निर्मित इस गांव में 24 घरों को 24 लाभार्थी परिवारों को सौंप दिया गया।
आदर्श ग्राम परियोजना की पृष्ठभूमि
कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने बताया कि यह परियोजना भारत सरकार के अनुदान सहायता से श्रीलंका के आवास, निर्माण एवं जल आपूर्ति मंत्रालय के सहयोग से द्वीप के सभी 25 जिलों में क्रियान्वित की जा रही है। अक्टूबर 2017 में भारत और श्रीलंका सरकार के बीच इस परियोजना को लेकर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए थे।
इस परियोजना के तहत 600 निम्न-आय वाले परिवारों को आवास सुविधा दी जा रही है। प्रत्येक जिले में 24 घरों वाला एक आदर्श गांव बनाया जा रहा है, जिनमें लाभार्थियों का चयन जिला आवास समितियों द्वारा किया गया है।
अब तक 16 जिलों में उद्घाटन
उच्चायोग के अनुसार, अब तक 16 जिलों में आदर्श गांवों का उद्घाटन और हस्तांतरण हो चुका है। इनमें शामिल हैं:
- बट्टिकलोवा
- वावुनिया
- जाफना
- कैंडी
- गम्पाहा
- अनुराधापुरा
- बादुल्ला
- मटाले
- पुट्टलम
- कोलंबो
- त्रिंकोमाली
- मोनारागला
- किलिनोच्ची
- मन्नार
- मुल्लैथिवु
- रत्नापुरा
परियोजना की प्रगति लगभग 98% है और शेष गांवों का उद्घाटन भी जल्द होने की उम्मीद है।
शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं में योगदान
उच्चायुक्त संतोष झा ने अम्पारा जिले के कलमुनाई में आठ स्कूलों को अध्ययन मेज़ें और कुर्सियां भेंट कीं, जिससे छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा, दो दिन पहले उन्होंने पोट्टुविल संभाग के कोमारी गांव में एक आरओ जल संयंत्र और एक बस शेल्टर का उद्घाटन किया। भारत सरकार द्वारा दान किए गए इस संयंत्र से लगभग 1000 लोगों को स्वच्छ जल की सुविधा मिलेगी। वहीं बस शेल्टर, जो भारत की जनता की ओर से एक उपहार है, स्थानीय नागरिकों को लंबे समय तक लाभ पहुंचाएगा।
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पड़ोसी प्रथम नीति का प्रभाव
भारत अपनी ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति के तहत श्रीलंका में आवास, शिक्षा, जल आपूर्ति और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में निरंतर सहयोग कर रहा है। यह परियोजना दोनों देशों के बीच सामाजिक और मानवीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी



