SS Rajamouli Interview : एस.एस. राजामौली का खुलासा: क्यों रखा इसरो ने अपने रॉकेट का नाम ‘बाहुबली’?

बाहुबली’ सिर्फ फिल्म नहीं, ताकत और विश्वास का प्रतीक — राजामौली

एस.एस. राजामौली, जिन्होंने भारतीय सिनेमा को ‘बाहुबली’ जैसी ऐतिहासिक फिल्म दी, अब एक दिलचस्प वजह से फिर चर्चा में हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में राजामौली ने बताया कि इसरो (ISRO) के वैज्ञानिकों ने अपने शक्तिशाली रॉकेट GSLV Mk-III का नाम ‘बाहुबली’ क्यों रखा।

राजामौली ने कहा कि जब उन्होंने पहली बार सुना कि भारत का नया रॉकेट “बाहुबली” कहलाएगा, तो उन्हें गर्व महसूस हुआ। उन्होंने बताया कि इस नाम के पीछे सिर्फ फिल्म का प्रभाव नहीं, बल्कि उस रॉकेट की ताकत, विश्वसनीयता और भारत की आत्मनिर्भरता का संदेश छिपा है।

GSLV Mk-III सचमुच भारत का बाहुबली है

राजामौली के मुताबिक, जिस तरह फिल्म में बाहुबली अपने कंधों पर पूरा साम्राज्य संभालता है, उसी तरह GSLV Mk-III रॉकेट भी भारत के अंतरिक्ष मिशनों की रीढ़ है। उन्होंने कहा, बाहुबली शब्द शक्ति, साहस और भरोसे का प्रतीक है — और ISRO का रॉकेट इन तीनों मूल्यों को जीता है।

यह रॉकेट भारत के कई मिशनों, जैसे चंद्रयान-2 और गगनयान परियोजना, में अहम भूमिका निभा चुका है। इसरो वैज्ञानिकों ने भी कई बार कहा है कि “बाहुबली” नाम जनता के बीच इस रॉकेट को यादगार और प्रेरक बनाता है।

सिनेमा और विज्ञान का मेल

राजामौली ने कहा कि अगर सिनेमा विज्ञान को प्रेरित कर सकता है, तो यह गर्व की बात है। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत की कहानियां सिर्फ मनोरंजन नहीं, प्रेरणा भी देती हैं|

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