New York News-भारत ने संयुक्त राष्ट्र में फिर उठाई सीमा पार आतंकवाद की गूंज
ड्रोन से हथियार भेजे जाने पर जताई चिंता, कहा यूएन अपनाए ज़ीरो टॉलरेंस नीति
New York News-भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सीमा पार आतंकवाद और अवैध हथियारों की तस्करी को लेकर कड़ी चिंता व्यक्त की है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. हरीश ने कहा कि भारत कई दशकों से आतंकवाद और सीमा पार से भेजे जा रहे हथियारों की तस्करी से जूझ रहा है।
उन्होंने कहा कि अब ड्रोन के जरिए भी हथियारों की आपूर्ति की जा रही है, जिससे खतरा और बढ़ गया है।
“हथियारों की तस्करी बढ़ा रही है आतंकवाद”
राजदूत हरीश ने ‘छोटे हथियारों’ पर यूएनएससी की खुली बहस में कहा कि
“छोटे और हल्के हथियारों की अवैध तस्करी से आतंकवाद को नई ताकत मिल रही है, जिससे वैश्विक शांति और सुरक्षा खतरे में है।”
उन्होंने कहा कि आतंकवादी समूहों को ऐसे आधुनिक हथियार बिना बाहरी सहयोग के नहीं मिल सकते।
इसलिए संयुक्त राष्ट्र को ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त और एकजुट कार्रवाई करनी चाहिए।
भारत की मांग—मजबूत वैश्विक सहयोग
भारत ने कहा कि तस्करी पर रोक लगाने के लिए सीमा प्रबंधन, खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान, और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग को और मज़बूत करना होगा।
हरीश ने कहा कि भारत इस दिशा में पहले से सक्रिय है और छोटे हथियारों के दुरुपयोग को रोकना उसकी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं में शामिल है।
“हथियारों की तस्करी विकास पर भी असर डालती है”
भारतीय राजदूत ने कहा कि यह समस्या केवल सुरक्षा का नहीं, बल्कि विकास और मानवीय पहलुओं का भी मुद्दा है।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि सीमा पार तस्करी को रोकने के लिए समन्वित नीति बनाई जाए।
भारत की सक्रिय भूमिका
हरीश ने बताया कि भारत संयुक्त राष्ट्र के प्रोग्राम ऑफ एक्शन (PoA) और इंटरनेशनल ट्रेसिंग इंस्ट्रूमेंट (ITI) के तहत हथियारों की तस्करी रोकने के लिए सक्रिय रूप से सहयोग कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत भविष्य में भी आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में अपना योगदान जारी रखेगा।
रिपोर्ट : शाश्वत तिवारी
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