Fast Food: शबाना आज़मी ने छेड़ी बहस: दिल्ली या मुंबई, कहाँ की चाट है बेस्ट?
एक ट्वीट ने सोशल मीडिया पर ला दिया तूफ़ान, जानिए क्यों मुंबई की भेलपूरी और दिल्ली के गोलगप्पों की इस 'जंग' में हर कोई कूद पड़ा है।
Fast Food: बॉलीवुड की दिग्गज अदाकारा शबाना आज़मी अपने दमदार अभिनय के लिए जानी जाती हैं, लेकिन हाल ही में उन्होंने अपने एक ट्वीट से अभिनय के मंच से हटकर स्वाद की दुनिया में एक ज़बरदस्त बहस छेड़ दी है। हुआ यूँ कि उन्होंने सोशल मीडिया पर मुंबई की चाट की शान में कुछ ऐसा कहा कि दिल्ली वाले भी मैदान में उतर आए। शबाना जी ने साफ़-साफ़ लिखा कि जब बात भेलपूरी, सेवपूरी और पानीपुरी की हो, तो मुंबई का कोई मुकाबला ही नहीं है। उन्होंने यह भी माना कि दिल्ली की चाट अच्छी है, पर मुंबई की बात ही कुछ और है!
बस, फिर क्या था! उनका ये ट्वीट किसी चिंगारी की तरह फैला और सोशल मीडिया पर ‘शहरों की जंग’ शुरू हो गई। एक तरफ मुंबईकर थे, जो अपनी पसंदीदा चौपाटी की भेलपूरी और तीखी-मीठी पानीपुरी की यादों में खो गए। वहीं दूसरी तरफ, दिल्ली के दीवाने कहाँ पीछे रहने वाले थे! उन्होंने अपने गोलगप्पों के तीखे पानी, चटपटी आलू टिक्की और दही भल्ले की दलीलें पेश करनी शुरू कर दीं। यह बहस सिर्फ स्वाद की नहीं रही, बल्कि अपने शहर की पहचान और उससे जुड़े जज़्बातों की बन गई।
चलिए, ज़रा इस मज़ेदार मुकाबले के दोनों दावेदारों को करीब से जानते हैं।
मुंबई की चाट का ज़िक्र आते ही आँखों के सामने समंदर किनारे का नज़ारा और हवा में घुली चटपटी महक आ जाती है। यहाँ की भेलपूरी सिर्फ़ एक स्नैक नहीं, एक एहसास है। मुरमुरे (पफ्ड राइस), बारीक कटे प्याज़-टमाटर, उबले आलू और सेव को जब खजूर-इमली की मीठी और धनिये-मिर्च की तीखी चटनी के साथ मिलाया जाता है, तो हर कौर में एक क्रंच और स्वाद का धमाका होता है। इसी तरह, यहाँ की सेवपूरी चपटी पापड़ी पर सजे आलू, प्याज़, चटनियों और ऊपर से लदी हुई सेव का एक छोटा-सा पहाड़ होती है, जो मुँह में जाते ही घुल जाती है। और मुंबई की पानीपुरी का पानी थोड़ा मीठा-तीखा होता है, जो इसे दिल्ली के गोलगप्पों से अलग पहचान देता है।
अब बात करते हैं दिल्ली की, जिसे भारत की ‘चाट राजधानी’ भी कहा जाता है। दिल्ली का अंदाज़ अलग है। यहाँ गोलगप्पे का मतलब है सूजी के करारे बताशे और ऐसा तीखा-पुदीने वाला पानी, जिसे खाते ही कानों से धुआँ निकल आए! साथ में मीठी सौंठ वाली चटनी स्वाद को एक अलग ही लेवल पर ले जाती है। दिल्ली वाले सिर्फ़ गोलगप्पों पर ही नहीं रुकते; यहाँ की गरमा-गरम आलू टिक्की, जिसे मटर की स्टफिंग और दही-चटनियों के साथ परोसा जाता है, का कोई जवाब नहीं। और मखमली दही भल्ले की तो बात ही क्या!
शबाना आज़मी के एक ट्वीट ने हमें यह याद दिला दिया कि खाना सिर्फ़ पेट भरने की चीज़ नहीं है, यह हमारी यादों, हमारी संस्कृति और हमारे अपनेपन का हिस्सा है। सच तो यह है कि इस बहस का कोई विजेता नहीं हो सकता। किसी को मुंबई की सूखी भेल पसंद है, तो किसी को दिल्ली के तीखे गोलगप्पे। असली मज़ा तो इसी बहस और अपने-अपने शहर के स्वाद को सबसे ऊपर रखने की ज़िद में है।
वैसे, इस पूरी चर्चा के बीच, आपकी पसंदीदा चाट कौन सी है और किस शहर की?



