Sonbhadra News – जिपं सदस्य प्रतिनिधि संजीव त्रिपाठी समेत तीन आरोपी साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त
करीब साढ़े 6 साल पूर्व सांसद छोटेलाल ने दर्ज कराया था एससी/एसटी एक्ट में एफआईआर
Sonbhadra News – करीब साढ़े 6 साल पूर्व सांसद छोटेलाल के जरिए दर्ज कराए गए एससी/एसटी एक्ट में एफआईआर के मामले में विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट सोनभद्र आबिद शमीम की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए तीन आरोपियों क्रमशः जिला पंचायत सदस्य जुगैल प्रतिनिधि संजीव कुमार त्रिपाठी, अधिवक्ता आशीष कुमार मिश्रा उर्फ मंटू मिश्रा व सुनील कुमार दुबे उर्फ मुन्ना दुबे को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया। अभियोजन पक्ष दोषसिद्ध करने में असफल रहा।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक लोकसभा रॉबर्ट्सगंज सांसद छोटेलाल ने 25 जनवरी 2019 को प्रभारी निरीक्षक रॉबर्ट्सगंज कोतवाली को दी तहरीर में आरोप लगाया था कि वे 24 जनवरी 2019 को पीडब्ल्यूडी डाक बंगला रॉबर्ट्सगंज में प्रभारी मंत्री की उपस्थिति में चल रही बैठक में मौजूद था। बैठक समाप्त होने पर जब बाहर निकला तो हो हल्ला हो रहा था तथा जाति सूचक शब्दों से गाली दी जा रही थी। इसकी शिकायत तत्कालीन जिलाध्यक्ष अशोक मिश्रा से की तो संजीव कुमार त्रिपाठी निवासी टापू, थाना चोपन, मुन्ना दुबे निवासी पाली, थाना रॉबर्ट्सगंज व मंटू मिश्रा निवासी रॉबर्ट्सगंज गिरोह बनाकर आए और जान मारने की धमकी देने लगे। इनके द्वारा पहले भी खनन की गाड़ी पास कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। काम न करने पर अपमानित किया गया था। यह धमकी दी गई थी कि संसद जाने लायक नहीं रहोगे। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया और पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में विवेचक ने चार्जशीट दाखिल किया था।
मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, 7 गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने के बाद दोषसिद्ध न पाकर तीनों आरोपियों संजीव कुमार त्रिपाठी, मुन्ना दुबे व मंटू मिश्रा को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया। अभियोजन पक्ष दोषसिद्ध करने में असफल रहा। बचाव पक्ष की ओर से फौजदारी के वरिष्ठ अधिवक्ता रामवृक्ष तिवारी ने बहस की।



