New Delhi News-लोकसभा में ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर विशेष चर्चा, सांसद इंजीनियर राशिद की टिप्पणी से हलचल

New Delhi News-संसद का शीतकालीन सत्र इन दिनों जारी है और सोमवार को सत्र के छठे दिन लोकसभा में ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर विशेष चर्चा आयोजित की गई। इस ऐतिहासिक मौके पर विभिन्न दलों के सांसदों ने अपने विचार रखे। चर्चा की शुरुआत दोपहर 12 बजे हुई और सदन में माहौल विशेष रूप से गंभीर व सम्मानपूर्ण रहा।

इसी दौरान जम्मू-कश्मीर से लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद की बारी आई। 
“थोड़ा टाइम और दे देना…”
उनकी यह टिप्पणी सदन में मौजूद सदस्यों के बीच तुरंत चर्चा का विषय बन गई, क्योंकि यह सत्र पहले से ही कई मुद्दों को लेकर गर्म रहा है।


कौन हैं सांसद इंजीनियर राशिद और क्यों हैं जेल में?

इंजीनियर अब्दुल राशिद, जिन्हें आमतौर पर इंजीनियर राशिद के नाम से जाना जाता है, जम्मू-कश्मीर की बारामूला लोकसभा सीट से सांसद हैं।

वह वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद हैं, क्योंकि वे आतंकवादी फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा दर्ज केस में आरोपी हैं।

  • एनआईए ने 2017 में यह मामला दर्ज किया था।

  • आरोप है कि उन्होंने कथित रूप से आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले नेटवर्क से वित्तीय लेन-देन किया।

  • जांच लंबित होने के कारण वे न्यायिक हिरासत में हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 में बड़ी जीत के साथ संसद पहुँचे राशिद को संसद सत्र में भाग लेने के लिए अदालत से विशेष अनुमति मिली हुई है।


सदन में ‘वंदे मातरम्’ पर हुई चर्चा

सदन में आयोजित चर्चा का मुख्य उद्देश्य ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने पर उसके ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय महत्व को रेखांकित करना था।
इस दौरान कई सदस्यों ने इसे राष्ट्रीय चेतना को मजबूत करने वाला गीत बताया, जिसने स्वतंत्रता आंदोलन में जनता को एकजुट किया।


राशिद की टिप्पणी पर क्यों हुई चर्चा?

जब इंजीनियर राशिद ने अपना वक्तव्य शुरू करने से पहले स्पीकर से कुछ और समय देने का आग्रह किया, तो विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों के सांसदों के बीच हल्की हलचल देखी गई।
उनकी टिप्पणी को उनके वर्तमान कानूनी स्थिति और जेल से भागीदारी के संदर्भ में भी राजनैतिक तौर पर जोड़ा गया।

हालाँकि, इसके बाद उन्होंने ‘वंदे मातरम्’ पर अपनी बात सभ्य और औपचारिक ढंग से रखी।


शीतकालीन सत्र लगातार गर्म

संसद का मौजूदा शीतकालीन सत्र कई संवेदनशील मुद्दों—विकसित भारत, राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक नीतियों और हालिया राजनीतिक घटनाओं—के चलते पहले से ही काफी चर्चित है।
ऐसे में इंजीनियर राशिद का संबोधन फिर से चर्चा के केंद्र में आ गया।

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