गूगल मीट के ठप होने के पीछे चीन की साजिशों का अंदेशा, भारत तिब्बत समन्वय संघ ने किया विरोध
भारत तिब्बत समन्वय संघ (पंजीकृत) ने आज वैश्विक स्तर पर गूगल मीट के ठप होने के पीछे चीन की साजिशों का अंदेशा व्यक्त किया है।संगठन के राष्ट्रीय संयोजक श्री हेमेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर भारत सहित समूची दुनिया में बड़ी मात्रा में गूगल मीट पर कार्यक्रम आयोजित होने वाले थे। उन सभी कार्यक्रमों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण को बिगाड़ने में चीन की भूमिका की चर्चा स्वभाविक थी। ऐसे में चीन द्वारा गूगल मीट के सरवर में सेंध लगाना कोई अतिशयोक्ति नहीं है। साथ ही चीन द्वारा गूगल मीट को ठप करके अपने जुम एप को को आगे बढ़ाने का कुत्सित मार्केटिंग षड्यंत्र भी हो सकता है। गौरतलब है कि आज भारत तिब्बत समन्वय संघ (पंजीकृत) का आज विश्व पर्यावरण दिवस पर अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार प्रातः 10:30 बजे से आयोजित होना तय था लेकिन उसके ठीक पहले ही पूरी दुनिया में अचानक गूगल मीट ने काम करना बंद कर दिया।
वेबिनार के संयोजक डा राहुल तोमर का कहना है कि कोरोना महामारी के जनक चीन ने यह अटैक कराया है क्योंकि विश्व पर्यावरण दिवस पर गूगल मीट पर आयोजित हो रहे दुनिया भर में असंख्य आयोजनों में चीन के विरुद्ध गुस्सा और विरोध भी होने की बात सामने आ रही थी और दूसरा, यह है कि गूगल मीट पर हमला करवा के ऐन मौके पर इसके उपयोगकर्ताओं को वहां से तोड़कर ज़ूम पर शिफ्ट किया जा सके।
बको मालूम है कि दुनिया के कई संगठन ज़ूम का विरोध इसलिए भी करते हैं क्योंकि उनका मालिक चाइनीज मूल का व्यक्ति है और ज़ूम का सर्वर आज भी चीन में है, जिससे वह दुनिया में अपने उपयोगकर्ताओं की सारी बातें तथा सारी गोपनीय रणनीतियां अपने पास सुरक्षित कर लेता है, फिर वह चाहे किसी भी देश की हो या फिर किसी भी सरकार की हो या फिर किसी भी अन्य संगठन की।
वेबिनार के तकनीकी समन्वयक आशुतोष गुप्ता का कहना है कि भारत-तिब्बत समन्वय संघ (पंजीकृत) इस मामले में पहले से सजग है और उसका हर स्तर पर निरंतर आक्रामक विरोध करता आया है। यही नहीं, बल्कि ज़ूम का उपयोग ना करें, यह भी कहता आया है। आपको ध्यान होगा कि अलीबाबा कंपनी को भी चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने पूरी दुनिया में उसके व्यवसाय को सुगम कराने की दृष्टि से बहुत सी छूट जारी की थी ताकि बदले में उसके मालिक से कम्युनिस्ट पार्टी और सरकार को वास्तविक व आर्थिक लाभ हो सके। हालांकि भारत-तिब्बत समन्वय संघ (पंजीकृत) किसी भी विदेशी उत्पाद का हिमायती नहीं है लेकिन जूम का उतना ही विरोध करता रहा है और करता रहेगा, जितना कि चीन का करता आया है।
गूगल मीट के उपयोग करने के संबंध में संघ का पक्ष यह है कि यह संघ द्वारा खरीदा गया गैर-चाइनीज मीटिंग प्लेटफार्म है क्योंकि गूगल मीट भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय प्लेटफार्म है इसलिए हम गूगल मीट व वेबैक्स का उपयोग प्रायः करते आए हैं। उन्होंने कहा कि आज की घटना के बाद संस्था की कोर कमेटी ने निर्णय लिया है कि हम अपना मीटिंग सॉफ्टवेयर अब शीघ्र ही स्वयं विकसित करेंगे ताकि किसी भी स्तर पर आज की तरह की कोई समस्या कभी ना आए। आज प्रातः 10:30 बजे की गूगल मीट के व्यवधान की घटना से हमें रोष भी है और सही समय पर इसका जवाब भी हम चीन को देंगे क्योंकि पूरी दुनिया में केवल भारत-तिब्बत समन्वय संघ (पंजीकृत) ही एकमात्र ऐसा संगठन है जो चीन के अमानवीय हरकतों का आक्रामक जवाब देगा। हालाकि भारत-तिब्बत समन्वय संघ ने आज के वेबिनार का समय शाम 6:00 बजे का निर्धारित किया है।