CBI rescued a bengali girl: सीबीआई ने किया मानव तस्करी के बड़े रैकेट का पर्दाफाश, राजस्थान से बचाई बंगाल की नाबालिग

CBI rescued a bengali girl: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्धमान जिले से लापता हुई एक नाबालिग लड़की को राजस्थान के पाली जिले से बरामद किया है। यह लड़की अगस्त 2023 से लापता थी और उसे शादी के लिए दो बार बेचा गया था। इस मामले में सीबीआई ने पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया है और एक बड़े मानव तस्करी गिरोह के होने का संदेह जताया है।

कैसे हुई घटना और जांच?

यह घटना 9 अगस्त 2023 की है, जब नाबालिग ट्यूशन के लिए घर से निकली थी, लेकिन वापस नहीं लौटी। शुरुआती जांच स्थानीय पुलिस ने की, जिसके बाद मामला पश्चिम बंगाल सीआईडी को सौंप दिया गया। पीड़िता की मां ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जिसके बाद 8 फरवरी 2024 को अदालत ने मामले की जांच सीबीआई की स्पेशल क्राइम ब्रांच को सौंप दी। सीबीआई ने 16 फरवरी 2024 को मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

सीबीआई ने ऐसे ढूंढा

जांच के दौरान, सीबीआई ने मोबाइल कॉल डिटेल और अन्य तकनीकी जानकारी का सहारा लिया। इससे पता चला कि लड़की को राजस्थान के पाली जिले में ले जाया गया है। सीबीआई की एक टीम ने 8 अगस्त 2025 को पाली में छापा मारा और एक आरोपित के घर से लड़की को सुरक्षित बरामद कर लिया।

चौंकाने वाले खुलासे

सीबीआई ने शनिवार को जारी अपने बयान में बताया कि लड़की नाबालिग थी, लेकिन शादी के लिए तैयार किए गए शपथ पत्रों में उसे बालिग दिखाया गया था। जांच में यह भी सामने आया कि उसे शादी के लिए दो बार बेचा गया था, जिससे यह साबित होता है कि यह घटना किसी बड़े मानव तस्करी गिरोह का हिस्सा है।

पांच आरोपित गिरफ्तार

सीबीआई ने इस मामले में पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान भरत कुमार, जगदीश कुमार, मीना दापुबेन, रता राम और दिलीप कुमार के रूप में हुई है। सभी आरोपितों को पाली की निचली अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें तीन दिनों के ट्रांजिट रिमांड पर पूर्व बर्धमान जिला अदालत में पेश करने का आदेश दिया गया है।

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मानव तस्करी एक गंभीर समस्या

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। 2018 में 3,78,236 मामले दर्ज किए गए थे, जो 2022 में बढ़कर 4,45,256 हो गए हैं। यह आंकड़े मानव तस्करी और महिलाओं के खिलाफ अन्य अपराधों की गंभीरता को दर्शाते हैं। इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

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