महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच करने के लिए सीबीआई की टीम पहुंची प्रयागराज
लखनऊ। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और बाघंबरी मठ के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि की मौत मामले में पुलिस के लिए अबूझ पहेली बनी हुई है। हालांकि महंत नरेंद्र की मौत की असली वजह क्या है, इस रहस्य से सीबीआई जांच के बाद ही पता लगेगा। श्री मठ बाघबंरी गद्दी और बड़े हनुमान मंदिर की संपत्ति को लेकर विवाद सामने आना तय माना जा रहा है। फिलहाल गुरुवार को सीबीआई की टीम इस मामले में जांच के लिए प्रयागराज पहुंची है। साथ ही बाघंबरी मठ की करोड़ों की संपत्ति को लेकर शिष्यों में तनातनी चल रही थी।
जानकारी के अनुसार, सीबीआई की टीम पुलिस लाइन के सभागार में पहुंचे। केस अपने पास लेने से पहले सीबीआई की एक टीम केस की जानकारी और एफआईआर की कॉपी लेने के लिए पुलिस लाइन पहुंची है। इस टीम में पांच सदस्य हैं। उन्होंने महंत के केस संबंधित हर बारिक से बारिक जानकारी हासिल की और साथ ही एफआईआर की कापी को भी लिया। दरअसल अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का हंड़िया के सपा विधायक से जमीन को लेकर विवाद हुआ था। यह विवाद 2012 में सपा नेता और हंडिया से विधायक रहे महेश नारायण सिंह से जमीन की खरीद फरोख्त को लेकर हुआ था।
फरवरी 2012 में महंत ने सपा नेता महेश नारायण सिंह, शैलेंद्र सिंह, हरिनारायण सिंह व 50 अज्ञात के खिलाफ जार्ज टाउन में मुकदमा दर्ज कराया गया था। दूसरे पक्ष ने भी नरेंद्र गिरि, आनंद गिरि व दो अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बाद में पैसे देने के बाद ही महंत नरेंद्र गिरि ने जमीन की रजिस्ट्री की थी। मौजूदा समय में सात बीघे जमीन की कीमत 40 करोड़ रुपये बताई जा रही हैं। इस जमीन बिक्री को लेकर भी समय-समय पर महंत नरेंद्र गिरी पर आरोप लगते रहे हैं।
करोड़ों में है मठ की संपत्ति
श्री मठ बाघम्बरी गद्दी और बड़े हनुमान मंदिर दोनों पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के तहत नहीं आते हैं बल्कि संपत्ति श्री मठ बाघंबरी गद्दी के अधीन आती है। मौजूदा समय में श्री मठ की गद्दी में जहां श्री महंत विचारानंद संस्कृत महाविद्यालय संचालित हो रहा है। वहीं यहां पर एक गौशाला के साथ ही कुंभ के दौरान यहां पर तीन मंजिला एक बड़ा भव्य गेस्ट हाउस भी बनाया गया है। कुल मिलाकर इस मठ और संस्कृत महाविद्यालय की संपत्ति करोड़ों में है। जिसको लेकर महंत नरेंद्र गिरी और स्वामी आनंद गिरी के बीच विवाद शुरू हो गया था।
बड़े हनुमान मंदिर के चढ़ावे को लेकर विवाद
बड़े हनुमान मंदिर में देश-विदेश के श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं लेकिन खासतौर पर शनिवार और मंगलवार को मंदिर में श्रद्धालुओं का मेला लगता है। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने से यहां पर लाखों का चढ़ावा भी चढ़ता है। उसी से मंदिर के पुजारियों को वेतन, पूजा-पाठ साफ सफाई का खर्च वाहन किया जाता है। बचे हुए पैसे को आश्रम के खर्चे में लिया जाता है।
14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए संदीप
नरेंद्र गिरी मौत मामले में अभियुक्त संदीप तिवारी को पुलिस ने गुरुवार को न्यायालय में पेश किया और जमानत अर्जी भी दी। संदीप को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने इस दौरान एक पेन ड्राइव व पांच मोबाइल भी प्रस्तुत किए। नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी संदीप तिवारी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रयागराज हरेन्द्र नाथ की अदालत में पेश किया गया। संदीप तिवारी, आधा तिवारी व आनंद गिरी तीनों के खिलाफ जार्जटाउन थाने में मुकदमा दर्ज है। आधा तिवारी का बेटा संदीप तिवारी है। नरेंद्र गिरि ने सुसाइड नोट में संदीप तिवारी पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था।
आनंद गिरि ने सुरक्षा की मांग
महंत नरेंद्र गिरी मौत मामले में गिरफ्तार उनके शिष्य आनंद गिरि ने अपने अधिवक्ता के जरिए जिला न्यायालय में अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई है। उन्होंने एक प्रार्थना पत्र देकर अपने सुरक्षा की मांग की है। प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि कल पेशी के दौरान उनके ऊपर हमला, अभद्रता की गई उनकी जान को खतरा है। ऐसे में जेल से कोर्ट लाते समय और जेल में उन्हें विशेष सुरक्षा दी जाए।
अनसुलझे सवाल
महंत नरेंद्र गिरि की कथित आत्महत्या को लेकर कई अनसुलझे सवाल बने हुए। आत्महत्या की जानकारी के बाद जब मौके पर पुलिस पहुंची तो वहां पर पंखा चला हुआ मिला। साथ ही रस्सी तीन टुकड़ों में मिली, पहला पंखे में लगी थी, दूसरी महंत के गले में और तीसरा टुकड़ा पास की मेज पर रखा हुआ दिखा। साथ ही वहां पर कैंची भी रखी हुई है। वहां मौजूद लड़के ने बताया कि पहले महंत का फोन लगाया तो स्वीच ऑफ मिला तो खटखटाया लेकिन दो-तीन बार खटखटाने पर नहीं खुला तो दरवाजा तो लटका हुआ देखा। पुलिस को बताया कि तब तक ठंडे हो चुके थे।



