ChandrashekharAzad: दलित नेता चंद्रशेखर आज़ाद पर लगे यौन शोषण के गंभीर आरोप, लेकिन मीडिया में चुप्पी क्यों?

ChandrashekharAzad: भीम आर्मी प्रमुख और चर्चित दलित नेता चंद्रशेखर आज़ाद एक बार फिर सुर्खियों में हैं — इस बार किसी राजनीतिक आंदोलन या चुनावी रणनीति को लेकर नहीं, बल्कि दलित महिलाओं द्वारा लगाए गए यौन शोषण जैसे गंभीर आरोपों को लेकर।

बताया जा रहा है कि कुछ पीड़ित महिलाओं ने चंद्रशेखर आज़ाद पर मानसिक, शारीरिक और यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। उनके पास इस संबंध में ऑडियो रिकॉर्डिंग, चैट्स और वीडियो क्लिप जैसे प्राथमिक सबूत भी मौजूद हैं। हालांकि, अभी तक इन सबूतों की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो पाई है।

ChandrashekharAzad:- Rishabh Pant got angry: ऋषभ पंत का अंपायर से विवाद, गुस्से में फेंकी गेंद

सबसे बड़ा सवाल: मुख्यधारा की मीडिया क्यों चुप है?

जब ऐसे ही आरोप किसी बड़े अभिनेता, राजनेता या धर्मगुरु पर लगते हैं — तो टीवी चैनल से लेकर डिजिटल मीडिया तक पूरे दिन बहसें चलती हैं। लेकिन चंद्रशेखर आज़ाद के मामले में चौंकाने वाली चुप्पी है।

इस चुप्पी ने दो बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं:


1. क्या चंद्रशेखर आज़ाद ने मीडिया मैनेजमेंट कर लिया है?

राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि चंद्रशेखर आज़ाद ने बीते कुछ वर्षों में अपनी सार्वजनिक छवि को मजबूत करने के लिए कई मीडिया संस्थानों से संबंध स्थापित किए हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि चुनावी समीकरणों और भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए, मीडिया में इस खबर को या तो दबा दिया गया है या नजरअंदाज किया जा रहा है।


2. क्या मामला दलित बनाम दलित होने की वजह से दबाया जा रहा है?

चूंकि पीड़ित महिलाएं भी दलित समुदाय से हैं, यह मामला “दलित एकता” की सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में कुछ सामाजिक संगठन और मीडिया संस्थान इस असहज विषय से दूरी बनाए हुए हैं, ताकि किसी प्रकार की “राजनीतिक या सामाजिक प्रतिक्रिया” से बचा जा सके।


क्या होना चाहिए आगे?

  • अगर आरोप झूठे हैं तो सार्वजनिक रूप से सबूत पेश किए जाएं और आरोप लगाने वालों पर कार्रवाई हो।

  • और अगर आरोप सही हैं तो चंद्रशेखर आज़ाद की जांच होनी चाहिए — निष्पक्ष, स्वतंत्र और पारदर्शी।

  • सबसे जरूरी बात: दलित महिला की आवाज़ भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी एक दलित नेता की प्रतिष्ठा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button