Chathh Pooja 2025: छठ घाटों पर उमड़ेगी आस्था की भीड़, जानिए आज के अर्घ्य का सही समय और प्रक्रिया

Chathh Pooja 2025: आज छठ महापर्व का तीसरा दिन है, जब आस्था, संयम और श्रद्धा का संगम डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर अपने चरम पर पहुंचता है। लोक आस्था के इस अनुपम पर्व में व्रती महिलाएं और पुरुष अपने परिवार की सुख-समृद्धि और संतान की मंगलकामना के लिए निर्जल व्रत रखकर सूर्यदेव की आराधना करते हैं।

 संध्या अर्घ्य का महत्व 

  • खरना के अगले दिन व्रती 36 घंटे का निर्जल व्रत रखते हैं।
  • संध्या के समय व्रती सूप या बांस की टोकरी में पूजा सामग्री जैसे ठेकुआ, फल, गन्ना, नारियल, चावल के लड्डू आदि लेकर घाट पर जाते हैं।
  • सूर्यास्त के समय पीतल के लोटे से ‘ॐ घृणि सूर्याय नमः’ मंत्र के साथ सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित किया जाता है।
  • अर्घ्य देने के बाद व्रती पांच बार सूर्य की परिक्रमा करते हैं और दीप जलाकर पूजा करते हैं।
  • इसी समय छठी मैया की विशेष पूजा की जाती है, जो संतान सुख और परिवार की समृद्धि का प्रतीक मानी जाती हैं।

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धार्मिक महत्व

छठ पूजा हिंदू धर्म का एकमात्र ऐसा पर्व है जिसमें डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। मान्यता है कि इस समय सूर्यदेव अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ होते हैं और व्रती उनकी उपस्थिति में अपने परिवार की मंगलकामना करते हैं। यह क्षण श्रद्धा, समर्पण और पारिवारिक सुख की कामना का प्रतीक होता है।

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