Eid-e-milad-un-nabi 2025: आज का दिन क्यों है खास? पैगंबर मुहम्मद की शिक्षाओं का पर्व
Eid-e-milad-un-nabi 2025: मुस्लिम समुदाय के लिए आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। देशभर में आज ईद-ए-मिलाद उन नबी का पर्व मनाया जा रहा है, जिसे बारावफात के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद साहब के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस्लामिक कैलेंडर में महत्व
इस्लामी कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-अल-अव्वल की 12वीं तारीख को यह पर्व मनाया जाता है। हालांकि, शिया समुदाय इसे रबी-अल-अव्वल की 17वीं तारीख को मनाता है। अरबी में ‘मौलिद’ का अर्थ ‘जन्मोत्सव’ होता है, जो इस दिन के महत्व को दर्शाता है।
पैगंबर मुहम्मद का संदेश
पैगंबर मुहम्मद साहब का जीवन हमें इंसानियत, सच्चाई और दया की सीख देता है। उनका मानना था कि ये गुण ही सबसे बड़ी इबादत हैं। इस दिन लोग उनके बताए रास्तों को याद करते हैं और उनके संदेशों का पालन करने का संकल्प लेते हैं।
कैसे मनाया जाता है यह पर्व?
ईद-ए-मिलाद उन नबी के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग विशेष प्रार्थनाएं करते हैं, मस्जिदों को सजाते हैं और जुलूस निकालते हैं। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को खाना खिलाया जाता है और दान दिया जाता है। पैगंबर की जीवनी पर आधारित सभाएं भी आयोजित की जाती हैं, जहां उनके जीवन और शिक्षाओं पर चर्चा होती है।
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इंसानियत और मोहब्बत का संकल्प
यह पर्व हमें एक बार फिर इंसानियत और मोहब्बत के संदेश को याद दिलाता है। ईद-ए-मिलाद उन नबी का यह पवित्र दिन हमें सिखाता है कि किसी भी धर्म से ऊपर इंसानियत और भाईचारा है। इस खास मौके पर, हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम आपसी प्रेम और सद्भाव को बढ़ावा देंगे।