Escort Allowance Scheme: योगी सरकार की एस्कॉर्ट एलाउन्स योजना,13,991 दिव्यांग बच्चों को मिलेगा शिक्षा का संबल

Escort Allowance Scheme: उत्तर प्रदेश में दिव्यांग बच्चों की शिक्षा अब एक नई दिशा ले रही है। योगी सरकार ने समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देते हुए 13,991 गंभीर और बहु-दिव्यांग बच्चों के लिए एस्कॉर्ट एलाउन्स योजना के अंतर्गत 839.46 लाख रुपये की वित्तीय सहायता स्वीकृत की है। यह सहायता कक्षा 1 से 8 तक के उन बच्चों को दी जाएगी जो अपने शारीरिक या मानसिक अक्षमता के चलते स्कूल जाने में असमर्थ हैं।

600 रुपये प्रति माह की सहायता

इस योजना के अंतर्गत दृष्टिहीन, बौद्धिक रूप से दिव्यांग, सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित और जेई/एईएस प्रभावित बच्चों को 600 रुपये प्रतिमाह की दर से 10 माह तक डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सहायता दी जाएगी। यह केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि एक समावेशी और संवेदनशील शिक्षा मॉडल की दिशा में अहम कदम है।

प्रेरणा और समर्थ पोर्टल से होगी पात्रता की पुष्टि

योजना की पारदर्शी क्रियान्वयन प्रक्रिया के लिए प्रेरणा पोर्टल और समर्थ पोर्टल की महत्वपूर्ण भूमिका तय की गई है।

  • पात्रता के लिए 40% या उससे अधिक की दिव्यांगता का प्रमाणपत्र अनिवार्य होगा।

  • बच्चों की नियमित विद्यालय उपस्थिति भी इस योजना की पात्रता की एक प्रमुख शर्त है।

हर स्तर पर तय की गई जिम्मेदारी

पूरी योजना को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए विद्यालय से लेकर जिला स्तर तक जिम्मेदारियाँ तय की गई हैं:

  • विद्यालय के प्रधानाध्यापक पात्र बच्चों की पहचान करेंगे।

  • खंड शिक्षा अधिकारी उनकी पुष्टि करेंगे।

  • जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अंतिम अनुमोदन देंगे।

  • इसके बाद PFMS पोर्टल के माध्यम से आधार और बैंक वेरिफिकेशन कर भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।

30 सितम्बर तक पूर्ण होगी क्रियान्वयन प्रक्रिया

एफएमएंडपी मैनुअल 2024 के दिशा-निर्देशों के अनुसार, 30 सितम्बर 2025 तक इस योजना को पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा।

  • सभी भुगतान निर्धारित मदों के अंतर्गत ही किए जाएंगे।

  • दोहरा भुगतान या धनराशि विचलन की स्थिति में संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

समावेशी शिक्षा का संवेदनशील और तकनीकी मॉडल

राज्य के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा,

“यह योजना केवल आर्थिक सहायता नहीं है, बल्कि एक सोच है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियों में दया, दृष्टि और दृष्टिकोण का समन्वय है। समावेशी शिक्षा के इस मॉडल में तकनीक और संवेदना साथ-साथ चल रही हैं। क्योंकि शिक्षा तभी सार्थक है, जब वह हर बच्चे तक पहुँचे — चाहे वह चल सके या न चल सके।”

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यह योजना न केवल दिव्यांग बच्चों के लिए स्कूल तक पहुँच को आसान बनाएगी, बल्कि उनके भीतर आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता का भी संचार करेगी।

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