Maoist surrender : 23 लाख के इनामी 4 नक्सली कांकेर में आत्मसमर्पण, शांति बहाली की ओर बड़ा कदम

Maoist surrender : छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। सुरक्षा बलों की लगातार दबाव रणनीति, जमीनी खुफिया नेटवर्क और राज्य सरकार की प्रभावी पुनर्वास नीति के चलते चार वांटेड नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया
इन नक्सलियों पर कुल 23 लाख का इनाम घोषित था, जो उन्हें क्षेत्र के हाई-वैल्यू टारगेट्स में शामिल करता है।

क्यों किया समर्पण?

अधिकारियों का कहना है कि हाल के महीनों में सुरक्षा बलों ने कई महत्वपूर्ण कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाए, जिससे नक्सलियों की सप्लाई चेन और मूवमेंट पर भारी असर पड़ा।
साथ ही, राज्य सरकार द्वारा लागू की गई पुनर्वास नीति—जिसमें आर्थिक सहायता, सुरक्षित आवास, प्रशिक्षण और पुनर्स्थापन शामिल है—ने भी नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया।

समर्पण करने वाले नक्सलियों की भूमिका

जिन नक्सलियों ने हार मानकर आत्मसमर्पण किया, वे संगठन के सक्रिय कैडर का हिस्सा थे और इन पर पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों को लंबे समय से नजर थी।
उन पर कोबरा बटालियन, BSF और जिला बल के खिलाफ कई हमलों में शामिल होने का आरोप था।

प्रदेश में शांति स्थापित करने की दिशा में कदम

कांकेर और आसपास के क्षेत्रों में पिछले कुछ वर्षों में हिंसा की घटनाओं में कमी आई है।
अधिकारियों के अनुसार, यह आत्मसमर्पण इस बात का संकेत है कि नक्सल नेटवर्क पहले की तुलना में कमजोर हुआ है और स्थानीय आबादी भी अब हिंसा के बजाय विकास का रास्ता अपनाने को तैयार है।

सरकार का बयान

सरकारी प्रवक्ताओं ने कहा कि यह आत्मसमर्पण “छत्तीसगढ़ को नक्सल-मुक्त बनाने” की दिशा में बेहद सकारात्मक संकेत है।
सरकार ने पुनर्वास पैकेज के तहत तत्काल मदद उपलब्ध कराने की घोषणा की है।

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