Axiom-4 Mission: अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण

Axiom-4 Mission: अंततः वह ऐतिहासिक पल आ ही गया, जिसका हर भारतीय लंबे समय से बेसब्री से इंतजार कर रहा था। भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने आज दोपहर करीब 12 बजे (IST) अपने अंतरिक्ष दल के साथ Axiom-4 (Ax-4) मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए सफलतापूर्वक उड़ान भरी।

यह मिशन सिर्फ तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि देश के लिए गर्व का क्षण है, क्योंकि शुभांशु शुक्ला न सिर्फ एक प्राइवेट अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा हैं, बल्कि वह भारत के भविष्य के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए भी अंतरिक्ष यात्री के रूप में चयनित किए जा चुके हैं।

छह बार टल चुका था मिशन

Axiom-4 मिशन को लेकर रोमांच इसलिए भी अधिक है क्योंकि यह अभियान पहले छह बार स्थगित किया गया था—कभी खराब मौसम के कारण तो कभी तकनीकी खामियों के चलते। ऐसे में अब जब मिशन ने उड़ान भरी है, तो पूरा देश उम्मीदों और गर्व के साथ इसकी निगरानी कर रहा है।

कैसा है Axiom-4 मिशन?

इस अंतरिक्ष मिशन में शुभांशु शुक्ला पायलट की भूमिका में हैं। उनके साथ अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री भी शामिल हैं। सभी अंतरिक्ष यात्री SpaceX के ड्रैगन कैप्सूल में सवार हैं, जिसे Falcon-9 रॉकेट के ज़रिए अंतरिक्ष में भेजा गया।

इस मिशन का प्रमुख उद्देश्य है:

  • अंतरिक्ष को अधिक सुलभ और कम खर्चीला बनाना

  • एक निजी अंतरिक्ष स्टेशन की नींव रखना, जो भविष्य में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की जगह ले सके

डॉकिंग कल, मिशन अवधि 14 दिन

स्पेस मिशन की अगली अहम कड़ी होगी डॉकिंग, यानी स्पेसकैप्सूल का ISS से जुड़ना। यह प्रक्रिया 26 जून को भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे निर्धारित है। मिशन का नेतृत्व कर रही हैं अनुभवी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन, जो पहले भी कई बार अंतरिक्ष की यात्रा कर चुकी हैं। वह मिशन के संचालन, वैज्ञानिक गतिविधियों और सफल वापसी की पूरी जिम्मेदारी निभा रही हैं।

Axiom-4 Mission: also read- Haldwani: उफनाती नहर में गिरी कार, मासूम सहित चार की दर्दनाक मौत

गगनयान के पहले कदम की ओर भारत

शुभांशु शुक्ला वही नाम हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान के संभावित अंतरिक्ष यात्री के रूप में प्रस्तुत किया था। अब जब उन्होंने अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा पर कदम बढ़ाया है, तो यह भारत के अंतरिक्ष सफर की दिशा में एक निर्णायक मोड़ बन सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button