Guwahati news: बीपीएफ ने बीटीसी पर फिर किया कब्जा, हग्रामा मोहिलरी ने राज्यपाल से मिलकर परिषद गठन का दावा पेश किया

Guwahati news: बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) ने बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद (बीटीसी) चुनावों में निर्णायक बहुमत हासिल कर एक बार फिर सत्ता में वापसी की है। पार्टी ने 40 में से 28 सीटें जीतकर यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) और भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया, जो पिछले पांच वर्षों से गठबंधन सरकार चला रहे थे।

राज्यपाल से औपचारिक मुलाकात बीपीएफ प्रमुख हग्रामा मोहिलरी ने नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ गुवाहाटी स्थित राजभवन में राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य से मुलाकात की और नई परिषद के गठन का दावा पेश किया। उन्होंने राज्यपाल को 3 अक्टूबर को कोकराझार में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का निमंत्रण भी दिया, जिसे राज्यपाल ने मौखिक रूप से स्वीकार किया।

नेतृत्व और सहयोग का संकेत मोहिलरी को शनिवार को सर्वसम्मति से परिषद का नेतृत्व करने के लिए चुना गया। उन्होंने कहा कि बीटीसी में जो भी समर्थन देगा, उसका सम्मान किया जाएगा। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा से भी वे रविवार शाम मुलाकात कर औपचारिक निमंत्रण देंगे। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री असम के बॉस हैं, हम उन्हें आमंत्रित कैसे न करें?”

यूपीपीएल और भाजपा को झटका यूपीपीएल को इस चुनाव में केवल सात सीटें मिलीं, जबकि भाजपा ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की। दोनों दलों ने इस बार अलग-अलग चुनाव लड़ा था। यूपीपीएल के निवर्तमान प्रमुख प्रमोद बोडो ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया और जनादेश को स्वीकार करते हुए जनता के लिए काम जारी रखने का संकल्प लिया।

भूमि विवाद प्राथमिक एजेंडे में मोहिलरी ने बीटीसी क्षेत्र में लंबे समय से चले आ रहे भूमि विवादों को अपनी सरकार की प्राथमिकता बताया। उन्होंने कहा, “बीटीसी का मुख्य मुद्दा भूमि समस्या है। हम इसे सुलझाने की कोशिश करेंगे।”

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जुबीन गर्ग की स्मृति में प्रतिमा बीपीएफ प्रमुख ने कोकराझार में एक पार्क निर्माण और दिवंगत गायक जुबीन गर्ग की प्रतिमा स्थापित करने की योजना की भी घोषणा की। जुबीन गर्ग का 19 सितंबर को निधन हो गया था, और उन्हें असम की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक माना जाता है। बीपीएफ की यह जीत न केवल राजनीतिक समीकरणों को बदलने वाली है, बल्कि क्षेत्रीय विकास और स्थायित्व की दिशा में नए कदमों की उम्मीद भी जगाती है।

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