Himanchal Landslide: 3 नेशनल हाइवे और 866 सड़कें बंद, जनजीवन प्रभावित
Himanchal Landslide: हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश का कहर जारी है, जिसके कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। रविवार को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश हो रही है, जबकि कुछ स्थानों पर धूप और घने बादल भी छाए रहे। मौसम विभाग ने आज और कल (8 सितंबर) के लिए कुछ स्थानों पर अंधड़ और आसमानी बिजली गिरने का येलो अलर्ट जारी किया है। हालांकि 9 से 13 सितंबर तक हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है, जिसके लिए कोई अलर्ट नहीं है।
सड़कें और यातायात
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, रविवार सुबह तक प्रदेश में तीन नेशनल हाइवे और 866 सड़कें बंद पड़ी थीं। इनमें कुल्लू का एनएच-3 और एनएच-305, और लाहौल-स्पीति का एनएच-505 शामिल हैं। जिलों के अनुसार, सबसे अधिक सड़कें कुल्लू (225) में बंद हैं, इसके बाद मंडी (191), शिमला (154), चंबा (116), सिरमौर (45) और कांगड़ा (42) हैं। शिमला जिले के ऊपरी इलाकों में लिंक रोड बंद होने से सेब की फसल मंडियों तक नहीं पहुंच पा रही है। शिमला-ठियोग-रोहड़ू सड़क छैला के पास भूस्खलन के कारण बंद है, जिससे कोटखाई, जुब्बल और रोहड़ू क्षेत्र का यातायात बाधित है।
बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित
लगातार बारिश के कारण बिजली और पानी की आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। प्रदेश में कुल 1572 ट्रांसफार्मर ठप हो गए हैं, जिनमें से अकेले कुल्लू में 873 ट्रांसफार्मर खराब हैं। इसके अलावा, मंडी में 259, शिमला, लाहौल-स्पीति और चंबा में 142-142 ट्रांसफार्मर खराब हुए हैं। इसी तरह, 389 पेयजल योजनाएं ठप हो गई हैं, जिनमें शिमला की 183, मंडी की 79, कुल्लू की 63 और चंबा की 30 योजनाएं शामिल हैं।
मानव और पशु क्षति
इस मॉनसून सीजन में अब तक 366 लोगों की मौत हो चुकी है, 41 लोग लापता हैं और 426 घायल हुए हैं। सबसे अधिक मौतें मंडी (59) में, इसके बाद कांगड़ा (50), चंबा (43), शिमला (39), कुल्लू (38) और किन्नौर (28) में हुई हैं। बारिश से 1984 पशुओं और 26,000 से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की भी मौत हुई है।
सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान
बरसात के कारण अब तक 6025 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 1159 पूरी तरह ढह गए हैं। इसके अलावा 455 दुकानें और 5113 पशुशालाएं भी धराशायी हो चुकी हैं। प्रारंभिक आकलन के अनुसार, सार्वजनिक संपत्ति को 4079 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिसमें लोक निर्माण विभाग को 2743 करोड़, जलशक्ति विभाग को 2518 करोड़ और ऊर्जा विभाग को 139 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं
मॉनसून के दौरान अब तक 135 भूस्खलन, 95 फ्लैश फ्लड और 45 बादल फटने की घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं। सबसे अधिक भूस्खलन (27) और फ्लैश फ्लड (56) लाहौल-स्पीति में हुए हैं, जबकि मंडी जिला बादल फटने की 19 घटनाओं के साथ सबसे अधिक प्रभावित रहा है।
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पौंग और भाखड़ा बांध की स्थिति
कांगड़ा जिले में पौंग बांध का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है, हालांकि पिछले 24 घंटों में यह 1.55 फीट घटा है। इसके बावजूद फतेहपुर, इंदौरा और पंजाब के कई गांवों में पानी घुसा हुआ है। इसी तरह, भाखड़ा बांध की गोविंद सागर झील का जलस्तर खतरे के निशान (1680 फीट) से लगभग दो फीट नीचे है, लेकिन बांध के फ्लड गेटों से 70,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे निचले इलाकों में जलस्तर बढ़ गया है।