Indore- डीएफओ महेन्द्र सोलंकी ने फांसी लगाकर की आत्महत्या
Indore- मध्य प्रदेश के इंदौर में पदस्थ संभागीय वन मंडल अधिकारी (डीएफओ) 59 वर्षीय महेंद्र सिंह सोलंकी ने शुक्रवार को नवरत्न बागकालोनी स्थित शासकीय बंगले में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना मिलते ही पलासिया थाना पुलिस उनके बंगले पर पहुंची। मर्ग कायम कर मामले की जांच की जा रही है। वन विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं। पलासिया पुलिस मर्ग कायम कर आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है। उनका कमरा सील कर दो मोबाइल जब्त कर लिए हैं।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून) अमित सिंह ने बताया कि डीएफओ महेन्द्र सिंह डेढ़ वर्ष पूर्व ही इंदौर में पदस्थ हुए थे। शुक्रवार की शाम सवा पांच बजे पुलिस को घटना की सूचना मिली थी। महेंद्र सिंह को दोपहर में अपर मुख्य सचिव (एसीएस) अनुपम राजन की बैठक में भी जाना था, लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देकर छुट्टी ले ली। उन्होंने कर्मचारी से बुखार की दवा मंगवाई और कमरे में जाकर सो गए। करीब चार बजे रसोइया किशोरी सेन चाय का पूछने गया लेकिन उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। करीब एक घंटे बाद किशोरी पुन: गया और दरवाजा नहीं खोलने पर चालक रतनसिंह को बुलाया। रतन और किशोरी ने धक्का देकर दरवाजा खोला तो महेंद्र सिंह का शव पंखे से लटका पाया।
थाना प्रभारी मनीष मिश्रा ने बताया कि महेंद्र सिंह का शव प्रथम मंजिल स्थित कमरे में मिला है। घटना के समय उनकी मां चंपाबाई और पिता कन्हैयालाल सोलंकी नीचे हाल में ही थे। पुलिस को सुसाइड नोट नहीं मिला। कमरे में मिले दो मोबाइल के लाक खुलवाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने पारिवारिक कारणों से आत्महत्या की शंका जताई है।
बताया जा रहा है कि डीएफओ करीब 12.30 बजे अपने घर के ऊपर के कमरे में आराम करने गए थे। इसके बाद से नीचे नहीं आए। सोलंकी के बुजुर्ग माता-पिता घर पर मौजूद थे। उन्होंने नौकर को बोला तो उसने जाकर कमरे में आवाज लगाई। कोई रिस्पॉन्स नहीं मिलने से वह वापस नीचे आ गया। उसे लगा कि वो सोए हुए हैं। वहीं कुछ देर बाद जाकर उसने वापस देखा तो उसे शक हुआ। जिसके बाद दरवाजा तोड़ा तो डीएफओ का शव फंदे पर लटका हुआ था।
डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी खरगोन जिले के रहने वाले थे। वे पिछले डेढ़ साल से इंदौर में पदस्थ थे और 7 महीने बाद वह रिटायर होने वाले थे। वे इंदौर में माता-पिता और पत्नी के साथ रहते थे। सोलंकी का एक बेटा और एक बेटी है। बेटी एमबीबीएस कर रही है। पत्नी शिक्षा विभाग में कार्यरत थी। कुछ महीने पहले ही वह रिटायर हुई है। वह गुरुवार को ही खरगोन गई थी।