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Jaipur Update- शुरुआती कक्षा से आरटीई के तहत दिया जाए प्रवेश

Jaipur Update- राजस्थान हाईकोर्ट ने निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत नर्सरी और पहली कक्षा के स्तर पर प्रवेश देने के पूर्ववर्ती आदेश में संशोधन किया है। अदालत ने कहा है कि निजी स्कूल में नर्सरी या पहली कक्षा में से जो भी शुरुआती कक्षा हो, उसी में आरटीई के तहत प्रवेश दिया जाए। इसके साथ ही अदालत ने केन्द्र सरकार को फीस पुनर्भरण के संबंध में अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है। जस्टिस श्रीचन्द्रशेखर और जस्टिस आनंद शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार और मयूर स्कूल की ओर से दायर अपीलों पर सुनवाई करते हुए दिए।

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सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता बसंत सिंह छाबा ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट की एकलपीठ ने नर्सरी व पहली कक्षा दोनों के स्तर पर प्रवेश के संबंध में आरटीई से संबंधित फीस का पुनर्भरण करने का आदेश दिया। केंद्र सरकार केवल कक्षा 1 से 8 तक के लिए ही भुगतान करती है। ऐसे में राज्य सरकार प्री-प्राइमरी कक्षाओं में पढ़ाई का खर्च वहन नहीं कर सकती। मयूर स्कूल की ओर से अधिवक्ता अभिनव शर्मा ने बताया कि एकलपीठ ने स्कूलों में आरटीई के तहत नर्सरी और पहली कक्षा में प्रवेश देने को कहा था। इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि शुरुआती कक्षा में आरटीई में प्रवेश देने के बाद पहली कक्षा में नए विद्यार्थियों को इसका लाभ देने से कक्षा में छात्र संख्या बढेगी और स्कूलों के पास उसके लिए पर्याप्त संसाधन नहीं है। ऐसे में आरटीई के तहत शुरुआती कक्षा में ही प्रवेश दिया जा सकता है। वहीं केन्द्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजदीपक रस्तोगी ने कहा कि केन्द्र सरकार आरटीई में केवल पहली कक्षा में प्रवेश पर ही फीस का पुनर्भुगतान करती है। आरटीई के अंतर्गत नर्सरी में प्रवेश की फीस का राज्य सरकार का पुनर्भुगतान करना होगा। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने स्कूल की शुरुआती कक्षा में आरटीई के तहत प्रवेश देने को कहा

है।

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