Jaishankar’s blunt words: “ऑल इज नॉट वेल विद द यूएन”, भारत ने उठाई सुधार की मांग

Jaishankar’s blunt words: संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी चिंताओं को स्पष्ट रूप से सामने रखा। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की निर्णय प्रक्रिया न तो इसके सभी सदस्य देशों को प्रतिबिंबित करती है और न ही आज की वैश्विक प्राथमिकताओं को प्रभावी ढंग से संबोधित कर रही है। उन्होंने दो टूक कहा, “ऑल इज नॉट वेल विद द यूएन”, यानी यूएन में सब कुछ ठीक नहीं है।

स्मारक डाक टिकट के माध्यम से संदेश

नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र की वर्षगांठ पर एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। उन्होंने कहा कि यह टिकट संघर्ष के इस युग में शांति की आवश्यकता को दर्शाता है और वैश्विक दक्षिण की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करता है। उन्होंने भारतीय डाक विभाग को इस प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।

बहुपक्षीय मंच में ध्रुवीकरण और अवरोध

जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय मंच पर बहसें तेजी से ध्रुवीकृत होती जा रही हैं और इसका कामकाज अवरुद्ध हो रहा है। उन्होंने चेताया कि यदि यूएन को अपनी प्रासंगिकता बनाए रखनी है, तो उसे गंभीर सुधारों की आवश्यकता है।

भारत की भूमिका और प्रतिबद्धता

भारत ने हमेशा संयुक्त राष्ट्र का समर्थन किया है, लेकिन जयशंकर ने स्पष्ट किया कि वैश्विक दक्षिण की आवाज और वास्तविक शक्ति-संतुलन को शामिल किए बिना यह संगठन एकतरफा और अप्रभावी बना रहेगा।

Jaishankar’s blunt words: also read- Jassi Weds Jassi trailer: जस्सी वेड्स जस्सी’ का धमाकेदार ट्रेलर रिलीज, रणवीर शौरी की कॉमेडी में वापसी

आतंकवाद पर दोहरा रवैया

बिना नाम लिए जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब आत्म-घोषित आतंकवादियों को प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया से बचाया जाता है, तो यह उन देशों की ईमानदारी पर सवाल उठाता है जो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की बात करते हैं। यह टिप्पणी स्पष्ट रूप से चीन की ओर इशारा करती है, जिसने यूएनएससी में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध प्रस्तावों को कई बार रोका है।

(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी) 

Related Articles

Back to top button