Jharkhand gas disaster: जहरीली गैस का खतरा बढ़ा, दो महिलाओं की मौत, प्रशासन अलर्ट पर

Jharkhand gas disaster: केंदुआडीह थाना क्षेत्र में जहरीली गैस का संकट लगातार गंभीर होता जा रहा है। पिछले दो दिनों में प्रियंका देवी और ललिता देवी नामक दो महिलाओं ने गैस के प्रभाव से दम तोड़ दिया। वहीं 30–35 लोग अब भी गैस के संपर्क में आकर अस्पतालों में भर्ती हैं। खतरे को देखते हुए प्रशासन हाई-अलर्ट पर है।

अधिकारियों ने किया प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण

शुक्रवार को उपायुक्त आदित्य रंजन, एसएसपी प्रभात कुमार, बीसीसीएल के सीएमडी मनोज अग्रवाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी केंदुआडीह पहुंचे। अधिकारियों ने मजदूर संघ नेताओं, स्थानीय प्रतिनिधियों और प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। स्वास्थ्य विभाग की टीमें क्षेत्र में लगातार तैनात हैं, जबकि 4–5 एंबुलेंस हाई-अलर्ट मोड पर रखी गई हैं। राजपूत बस्ती, मस्जिद मोहल्ला और ऑफिसर कॉलोनी सहित करीब 10,000 लोगों पर गैस का दुष्प्रभाव देखा जा रहा है।

खदानों में रासायनिक प्रक्रिया से बन रही जहरीली गैस

बीसीसीएल के सीएमडी मनोज अग्रवाल ने बताया कि खदानों में मौजूद बचा हुआ कोयला रासायनिक प्रक्रिया से गुजरने पर बैक्टीरिया के कारण गैस उत्पन्न होती है। इसकी तकनीकी जांच IIT-ISM, CIFER और DGMS की विशेषज्ञ टीमें कर रही हैं।  गैस रिसाव के स्रोत की तलाश चल रही है और खतरे वाली जगहों को तुरंत सील और बैरिकेड किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों की नाराज़गी—“मीटिंगें हो रही हैं, समाधान नहीं”

स्थानीय लोग प्रशासनिक कार्रवाई से असंतुष्ट हैं। उनका कहना है कि चार दिनों से लगातार मीटिंग तो हो रही है, लेकिन कोई ठोस कदम जमीन पर नहीं दिख रहा। लोगों का आरोप है कि उनके घरों के पीछे से ही गैस निकल रही है, जिसके कारण बच्चों और बुजुर्गों का रहना मुश्किल हुआ है। कई लोगों ने शिफ्टिंग के बाद रोजी-रोटी की चिंता भी जताई।

खतरनाक स्तर पर पहुंची गैस, कई घर ‘डेंजर ज़ोन’ में

उपायुक्त आदित्य रंजन ने बताया कि जांच में कई घरों में गैस का स्तर 2.5 मेज़र पाया गया है, जो सामान्य से बहुत अधिक और खतरनाक है। ये घर पहले से डेंजर ज़ोन में चिन्हित थे और एक साल पहले इनका विस्थापन प्रस्तावित था। अब प्रशासन ने तय समय सीमा में शिफ्टिंग पूरी करने के निर्देश दिए हैं। अभी प्रभावित परिवारों को टेंट, भोजन और अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी, 24×7 व्यवस्था

प्रशासन ने दो अस्पतालों में आपातकालीन विस्तार किया है। अतिरिक्त ऑक्सीजन-युक्त बेड की व्यवस्था की गई है और 24 घंटे मेडिकल टीमें तैनात की गई हैं।

Jharkhand gas disaster: also read– New Delhi: एमएमपीए से विदेश में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों की राह हुई आसान

कार्बन मोनोऑक्साइड मुख्य कारण, विशेषज्ञों की निगरानी जारी

सिंफर के वैज्ञानिक डॉ. संतोष कुमार राय ने बताया कि कार्बन मोनोऑक्साइड की अत्यधिक मात्रा समस्या का मुख्य कारण लग रही है। टीमें लगातार गैस स्तर की निगरानी कर रही हैं और स्थिति पर गहरी नजर बनाए हुए हैं।

Related Articles

Back to top button