Kaushambhi news: मूरतगंज में अवैध क्लीनिकों का जाल, आठवीं-दसवीं पास कर रहे इलाज

Kaushambhi news: कौशाम्बी जिले के मूरतगंज ब्लॉक में दो दर्जन से अधिक अवैध क्लीनिक, अस्पताल और अल्ट्रासाउंड सेंटर धड़ल्ले से चल रहे हैं। ये क्लीनिक स्वास्थ्य विभाग के नियमों को ताक पर रखकर संचालित हो रहे हैं और यहां मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इन केंद्रों पर आठवीं-दसवीं पास बच्चों को रखकर जोखिम भरा इलाज कराया जा रहा है, जिससे मरीजों को गंभीर खतरा हो रहा है।

सीएमओ की कार्रवाई का नहीं है डर

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने एक अस्पताल को सील करने की कार्रवाई की थी, लेकिन इसके बावजूद इन क्लीनिकों को कोई डर नहीं है। सील किए गए अस्पताल भी अंदर ही अंदर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। ये अवैध क्लीनिक गरीब और असहाय लोगों को लंबी-लंबी बीमारियां बताकर उनकी जेब काट रहे हैं। जब मरीज की हालत गंभीर हो जाती है, तो उसे प्रयागराज के लिए रेफर कर दिया जाता है। आरोप है कि ये क्लीनिक अपने परिचित अस्पतालों में मरीजों को भेजकर वहां से कमीशन भी लेते हैं।

नाम बदलकर चल रहे हैं अवैध केंद्र

कई अस्पताल संचालक अपनी क्लीनिक को पहचानने से भी इनकार कर देते हैं और कहते हैं कि उन्हें नहीं पता कि किसकी क्लीनिक चल रही है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर ये अवैध क्लीनिक किसके संरक्षण में चल रहे हैं। बोर्ड पर बड़े अक्षरों में अलग नाम लिखा होता है, लेकिन अंदर आठवीं-दसवीं पास बच्चों से इलाज कराया जाता है। सूत्रों के अनुसार, मूरतगंज में कुछ डॉक्टरों पर पहले भी गंभीर आरोप लग चुके हैं और वे हवालात की हवा भी खा चुके हैं, लेकिन आज भी वे नाम बदलकर अपनी क्लीनिक और अस्पताल चला रहे हैं।

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अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट भी गलत साबित हो रही

मूरतगंज के कुछ डॉक्टरों पर अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट को गलत ठहराने का भी आरोप है। यह स्थिति स्वास्थ्य सेवाओं में भारी लापरवाही और अनियमितता को दर्शाती है। जनता पूछ रही है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी की नजर इन अवैध गतिविधियों पर कब पड़ेगी और कब तक गरीबों की जेब पर डाका डाला जाता रहेगा।

ईं० मंजुल तिवारी

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