Kaushambhi news: कृषि फीडर की सैकड़ों पोल व तार गायब, निजी नलकूप चल रहे ग्रामीण फीडर से
Kaushambhi news: पश्चिम शरीरा क्षेत्र में किसानों के लिए बनी कृषि फीडर लाइन भ्रष्टाचार की बलि चढ़ चुकी है। वर्ष 2020 में पूरब शरीरा नहर से बाकरगंज गांव तक बनाई गई डेढ़ किलोमीटर लंबी विद्युत लाइन आज पूरी तरह गायब हो चुकी है। सैकड़ों पोल और विद्युत तारों का कोई अता-पता नहीं है।
लाइन उखाड़कर बेच दिए गए पोल व तार
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बिजली विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से प्राइवेट बिजली माफियाओं ने पूरी कृषि फीडर लाइन उखाड़ दी और उसके तार व पोल कबाड़ी में बेच दिए गए। यह कार्य पूरी तरह सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया, जिससे अब तक विभाग की ओर से कोई स्पष्ट कार्रवाई नहीं की गई है।
नलकूप जुड़े ग्रामीण फीडर से, बिजली तंत्र पर बढ़ा दबाव
जिन किसानों के नलकूप कृषि फीडर से जुड़े होने चाहिए थे, वे अब अवैध रूप से ग्रामीण फीडर से जोड़े गए हैं। इसका सीधा असर अन्य नियमित उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है, जिन्हें कम वोल्टेज और लगातार ट्रिपिंग जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।
दलाल हावी, अधिकारी लाचार
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पश्चिम शरीरा पावर हाउस में कुछ दलालों का दबदबा है। ये दलाल पैसा लेकर अवैध कनेक्शन जुड़वाने, सरकारी विद्युत सामग्री बेचने, और विभागीय काम में हस्तक्षेप करने तक में सक्रिय हैं। वहीं, जिम्मेदार अधिकारी इन गतिविधियों के सामने मूक दर्शक बने हुए हैं।
जांच व कार्रवाई की मांग तेज
ग्रामीणों ने मांग की है कि कृषि फीडर लाइन की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई हो। साथ ही पोल व तार की पुनर्स्थापना शीघ्र कर किसानों को समुचित बिजली आपूर्ति बहाल की जाए। यदि जिलाधिकारी व अन्य उच्चाधिकारी इस मामले में निष्पक्ष जांच कराएं, तो बिजली विभाग में छिपे कई भ्रष्ट चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।
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किसानों की खेती खतरे में
यह बिजली व्यवस्था सीधे तौर पर किसानों की आजीविका से जुड़ी है। खेतों की सिंचाई मुख्यतः इन नलकूपों पर निर्भर करती है। ऐसे में कृषि फीडर की अनदेखी किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे।