Kaushambhi news: भारी बारिश में जलजमाव बना दलित परिवार की मुसीबत, छोटे छोटे बच्चों को लेकर रातभर सड़क पर भटक रहा बेबस परिवार

Kaushambhi news: मंझनपुर नगरपालिका क्षेत्र में सोमवार रात मूसलधार बारिश ने एक गरीब दलित परिवार की ज़िंदगी को तहस-नहस कर दिया। कल्लू रैदास, जो कि अपने परिवार के साथ एक कच्चे घर में रहता है, रातभर की बारिश के बाद भारी जलभराव का शिकार हो गया। घर में पानी घुसने से पूरा परिवार—जिसमें छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल हैं—को घर छोड़कर सड़क पर आना पड़ा।

खुले आसमान के नीचे रात गुज़ारने को मजबूर

बारिश के बीच बिना किसी मदद के कल्लू का परिवार पूरी रात भीगता रहा। आश्रय की कोई व्यवस्था न होने के कारण उन्हें खुले आसमान के नीचे रात बितानी पड़ी। यह दृश्य न केवल दर्दनाक था, बल्कि सिस्टम की संवेदनहीनता पर भी बड़ा सवाल उठाता है।

एसडीएम आवास के सामने, फिर भी कोई सुनवाई नहीं

चौंकाने वाली बात यह है कि कल्लू रैदास का घर सदर एसडीएम आवास के ठीक सामने स्थित है। इसके बावजूद, न तो कोई अफसर मौके पर आया और न ही राहत की कोई व्यवस्था की गई। प्रशासन की चुप्पी ने पीड़ित परिवार की पीड़ा को और गहरा कर दिया है।

एक साल से आवास के लिए दौड़, मिला सिर्फ़ आश्वासन

कल्लू रैदास बीते एक साल से मंझनपुर नगरपालिका और डूडा (DUDA) कार्यालय के चक्कर काट रहा है। हर बार सिर्फ़ आश्वासन मिलते हैं, लेकिन अब तक न तो उसे आवास मिला और न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था। उसका कच्चा मकान किसी भी वक्त गिर सकता है, जिससे जान-माल की बड़ी हानि हो सकती है।

प्रशासन की बेपरवाही से बढ़ा खतरा

बारिश के मौसम में ऐसे कच्चे घरों का गिरना आम है, और कई बार यह जानलेवा भी साबित होता है। बावजूद इसके, जिम्मेदार विभागों की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। कल्लू रैदास का सवाल है—“क्या गरीब दलित होना गुनाह है?”

कब मिलेगा इंसाफ?

इस दर्दनाक घटना ने प्रशासनिक तंत्र की लापरवाही को उजागर कर दिया है। सवाल उठता है कि एक गरीब दलित परिवार को सुरक्षित छत देने में सिस्टम क्यों विफल है? कब मिलेगा इस परिवार को इंसाफ और सम्मान के साथ जीने का अधिकार?

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