Kaushambi News-जिलाधिकारी ने भूजल सप्ताह पर की वर्चुअल बैठक, जल संरक्षण को लेकर पंचायत स्तर तक जागरूकता फैलाने के निर्देश
Kaushambi News-“जल सुरक्षित, तो कल सुरक्षित” के संदेश के साथ भूजल सप्ताह (16 से 22 जुलाई 2025) के अंतर्गत जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी की अध्यक्षता में एक वर्चुअल गोष्ठी का आयोजन किया गया। बैठक का उद्देश्य भूजल दोहन के संकट, जल संसाधनों की सुरक्षा, संरक्षण, और प्रबंधन को लेकर जनमानस को जागरूक करना रहा।
जिले के दो विकास खंड ‘अतिदोहित’ श्रेणी में
बैठक में लघु सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता ने जानकारी दी कि जनपद कौशांबी के 08 विकास खंडों में से 02 खंड – मूरतगंज और चायल को ‘अतिदोहित’ श्रेणी में रखा गया है। इस स्थिति को सुधारने के लिए जिलाधिकारी ने जल संरक्षण से जुड़े सभी विभागों को अधिकतम प्रयास करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने दिए ये निर्देश:
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ग्राम पंचायत स्तर तक जल संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए।
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वर्षा जल संचयन और संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किए जाएं, खासकर अतिदोहित क्षेत्रों में।
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विभिन्न सरकारी विभागों के समन्वय से अधिकाधिक जल संरक्षण के उपाय अपनाए जाएं।
हैण्डपम्प के पास ‘शोक पिट’ निर्माण का निर्देश
मुख्य विकास अधिकारी ने बैठक में कहा कि जल बचाने के लिए छोटी-छोटी बातों को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि:
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हैण्डपम्पों के पास शोक पिट (Soak Pit) बनाए जाएं ताकि बहता पानी बर्बाद न हो।
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पानी के अनावश्यक दुरुपयोग से बचने की आदत डाली जाए।
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गांवों में वर्षा जल संचयन के उपायों को जमीन पर उतारा जाए।
जन-जागरूकता गोष्ठियों का होगा आयोजन
बैठक में यह भी तय हुआ कि आकांक्षी और गैर-आकांक्षी विकास खंडों के नोडल अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में भूजल जागरूकता गोष्ठियाँ आयोजित कर जल संरक्षण के प्रति जनसामान्य को प्रेरित करें।
जल ही जीवन है
बैठक में यह तथ्य भी साझा किया गया कि पृथ्वी पर मानव उपयोग के लिए केवल 1% जल ही उपलब्ध है, इसलिए इसका विवेकपूर्ण उपयोग अत्यंत आवश्यक है। वर्षा जल संग्रहण के उपायों और उनके लाभों पर विस्तृत चर्चा की गई।
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