Khelo India Beach Games 2025: घोघला बीच से हुई खेलो इंडिया बीच गेम्स 2025 की शुरुआत, गोवा ने राजस्थान को हराकर किया विजयी आगाज़

Khelo India Beach Games 2025: खेलो इंडिया बीच गेम्स 2025 (KIBG) के पहले संस्करण का भव्य शुभारंभ सोमवार को दीव के प्रसिद्ध घोघला बीच पर हुआ। समुद्र की लहरों और सूर्य की चमक के बीच खेली गई प्रतियोगिताओं में बीच सॉकर का रोमांच चरम पर रहा। पहले ही दिन गोवा और राजस्थान की लड़कों की टीमों के बीच खेले गए मुकाबले ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया, हालांकि परिणाम एकतरफा रहा। बीच सॉकर में माहिर गोवा ने राजस्थान को 13-9 से मात देकर अपने अभियान की विजयी शुरुआत की।

तटीय बनाम गैर-तटीय राज्यों की चुनौती

गोवा जहां समुद्र तटों का स्वाभाविक लाभ उठाता है, वहीं राजस्थान जैसे गैर-तटीय राज्य इस प्रकार की प्रतियोगिताओं में चुनौतीपूर्ण स्थिति में होते हैं। ऐसे में सवाल उठता है—क्या गैर-तटीय राज्यों के लिए केआईबीजी में सफल होना कठिन है? इसका उत्तर पूरी तरह से “हां” नहीं है। उदाहरण के तौर पर, पिछले वर्ष हुए दीव बीच गेम्स में मध्य प्रदेश—जो कि एक गैर-तटीय राज्य है—ने सबसे ज्यादा पदक जीते थे। हालांकि, यह कहना भी गलत नहीं होगा कि इन राज्यों के लिए मुकाबले कहीं अधिक कठिन होते हैं।

राजस्थान टीम के मैनेजर की प्रतिक्रिया

राजस्थान टीम के मैनेजर हरिओम ने स्वीकार किया कि उनकी टीम को विशेष चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा, “हमारे लिए यह आसान नहीं है। राजस्थान में समुद्र तट नहीं है, इसलिए हम कृत्रिम मैदान पर अभ्यास करते हैं। हम दक्षिणी राजस्थान से ट्रकों में रेत लाते हैं, लेकिन वह रेत समुद्र तट की रेत से बिल्कुल अलग होती है। यहां का वातावरण और परिस्थितियाँ बिल्कुल नई होती हैं।”

हरिओम ने आगे बताया कि उनकी टीम ने गोवा के खिलाफ अच्छी शुरुआत की, लेकिन बाद में थकान ने खिलाड़ियों को जकड़ लिया। “हमें स्टैमिना और जल की कमी से बचाव पर खास ध्यान देना होगा। आज हमारा एक खिलाड़ी बीमार पड़ गया, जो इस प्रकार के खेल की कठोर परिस्थितियों को दर्शाता है।”

उत्तर प्रदेश की कोच की चिंता

उत्तर प्रदेश की लड़कियों की टीम के कोच मुकेश कुमार सब्बरवाल ने भी गैर-तटीय राज्यों की समस्याओं की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा, “हम घास पर अभ्यास करते हैं, रेत पर नहीं। हमने आज राजस्थान की टीम को हराया, लेकिन जब हम तटीय राज्यों से भिड़ेंगे, तब हालात पूरी तरह बदल जाएंगे।”

गोवा के कप्तान ने बताई मनोस्थिति

गोवा के कप्तान और गोलकीपर प्रतीक कंकोनकर ने बताया कि तटीय राज्यों के खिलाड़ी रेत और समुद्री वातावरण से बेहतर तरीके से परिचित होते हैं। “जब हम गैर-तटीय टीमों से खेलते हैं, तो हम जानते हैं कि हमारे जीतने की संभावना ज्यादा होती है। हम समुद्र तट के खिलाड़ी हैं, और हमें यहां के हालात का अनुभव है। हालांकि, हमें आज का मैच और बड़े अंतर से जीतना चाहिए था।”

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बीच सॉकर: एक अलग अंदाज़ का खेल

जो लोग बीच सॉकर से परिचित नहीं हैं, उनके लिए बता दें कि यह पारंपरिक सॉकर से काफी अलग होता है। इसमें मैदान रेत का होता है और हर टीम में सिर्फ पाँच खिलाड़ी होते हैं। खेल तीन पीरियड में खेला जाता है, जिनमें प्रत्येक 12 मिनट का होता है। टूर्नामेंट में लड़कों और लड़कियों की श्रेणियों में आठ-आठ टीमें हिस्सा ले रही हैं, जिन्हें दो पूलों में बाँटा गया है। प्रत्येक पूल की शीर्ष दो टीमें सेमीफाइनल में प्रवेश करेंगी।

 

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