Kushinagar News- 600 युवा वैज्ञानिक कुशीनगर पहुंचे,120 वरिष्ठ वैज्ञानिक भी मौजूद
Kushinagar News- बुद्धभूमि कुशीनगर इस समय देश के युवा वैज्ञानिकों के उत्साह और जोश से गूंज रही है। राष्ट्रीय इन-स्पेस मॉडल रॉकेट्री/कैनसैट इंडिया स्टूडेंट कंप्टीशन 2024-25 के लिए देशभर के 47 कॉलेजों से आए लगभग 600 छात्र-छात्राएं और 120 वरिष्ठ वैज्ञानिक कुशीनगर पहुंच चुके हैं। प्रतियोगिता का ग्रैंड फिनाले 27 से 30 अक्टूबर तक नारायणी नदी के तट पर आयोजित होगा, जहां प्रतिभागी अपने डिजाइन किए हुए रॉकेट्री और कैनसैट मॉडल्स का अंतिम तकनीकी मूल्यांकन कराएंगे।
शनिवार को इन प्रतिभागियों का स्वागत जगदीश पब्लिक स्कूल और द प्रेसिडेंट, दनियारी में बड़े उत्साह के साथ किया गया। छात्र-छात्राओं ने रंग-बिरंगे बैनर और पोस्टरों के बीच स्थानीय आयोजकों का अभिनंदन किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने भी अपने सुझाव साझा किए और छात्रों को तकनीकी पहलुओं पर मार्गदर्शन दिया। रविवार को सभी टीमों के मॉडल्स का जूरी रिव्यू किया जाएगा, जिसके बाद 27 अक्तूबर को 10 कैनसैट के लॉन्च के साथ प्रतियोगिता औपचारिक रूप से शुरू होगी।
शनिवार को देवरिया सांसद शशांक मणि ने नारायणी प्रक्षेपण स्थल और आवासीय परिसरों का निरीक्षण किया। उन्होंने सुरक्षा, ठहरने और भोजन की व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि ये युवा इस क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत और आत्मनिर्भरता का अनुभव भी लेकर जाएं। यह प्रतियोगिता छात्रों को उपग्रह निर्माण और रॉकेट्री के क्षेत्र में तकनीकी चुनौतियों का सामना करने के लिए व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेगी, जिससे देश में अगली पीढ़ी के वैज्ञानिक कार्यबल का विकास हो सके। सांसद ने आयोजकों को सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
चार दिनों में कुल 71 रॉकेट्री लॉन्च होंगे, जिन्हें इसरो और इन-स्पेस के वरिष्ठ वैज्ञानिक जूरी द्वारा अनुमोदित किया जाएगा।
प्रतिभागियों के लिए विज्ञान के साथ एडवेंचर और संस्कृति का भी अनुभव तैयार किया गया है। छात्रों को बुद्ध महापरिनिर्वाण स्थल कुशीनगर का भ्रमण कराया जाएगा। इसके अलावा गौरी इंटर कॉलेज में पैराग्लाइडिंग, बांसी नदी में बोटिंग, और कार्यक्रम स्थल पर घुड़सवारी की व्यवस्था की गई है।प्रतिभागियों को सांसद की पहल ‘जागृति उद्यम केंद्र–पूर्वांचल’ से भी रूबरू कराया जाएगा, जहां उन्हें तकनीकी ज्ञान को स्थानीय रोजगार और उद्यमिता में बदलने का व्यावहारिक अनुभव मिलेगा। प्रतियोगिता न केवल STEM शिक्षा को ग्रामीण युवाओं तक ले जाएगी, बल्कि चार दिनों तक कुशीनगर की धरती विज्ञान, संस्कृति और नवाचार के संगम से जगमगाएगी।



