LoveJihad- “मरियम” बनाने का षड्यंत्र: सृष्टि ने बताया कैसे इस्लाम कबूल करने के लिए किया गया मानसिक शोषण और दबाव

LoveJihad- सृष्टि (बदला हुआ नाम), एक सामान्य हिंदू युवती, जिसने हाल ही में धर्मांतरण गैंग के जाल से निकलकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।

उसने बताया कि उसकी बातचीत एक युवक तालिब से हुई, जिसने शुरुआत में उसे इस्लाम की शिक्षाओं के नाम पर प्रभावित करना शुरू किया।

धीरे-धीरे मानसिक रूप से उसे कमजोर किया गया, और फिर उस पर शादी का दबाव बनाया गया।


‘परिवार’ से मिलवाया गया — असल में था कट्टर जिहादी नेटवर्क

तालिब ने उसे अपनी बहनें — सुमैया, सफीया और आयशा, और एक व्यक्ति अब्दुल रहमान से मिलवाया।
इन सभी ने सृष्टि की आर्थिक स्थिति को देखकर उसे बहलाना शुरू किया।

“मुझे बेहतर जिंदगी, पैसे और सुरक्षा का वादा किया गया — लेकिन शर्त ये थी कि मैं इस्लाम कबूल करूं और किसी की दूसरी, तीसरी या चौथी बीवी बनने को तैयार हो जाऊं।” – सृष्टि का बयान


कलमा पढ़वाया गया, नाम बदलने की दी गई लिस्ट

सृष्टि से जबरन ‘कलमा’ पढ़वाया गया और फिर उसे एक इस्लामिक नामों की लिस्ट दी गई, जिससे उसे नया नाम चुनने के लिए कहा गया।
उससे कहा गया कि वह एक वॉयस नोट भेजे जिसमें वह खुद को ‘मरियम’ कहे। यही वॉयस नोट कथित रूप से विदेश भेजे जाते थे, ताकि धर्मांतरण के प्रमाण के रूप में उनका इस्तेमाल हो सके।


फोन तोड़ने से लेकर डिजिटल साक्ष्य मिटाने की ट्रेनिंग

इस गैंग की कथित ‘टीचर’ आयशा पर गंभीर आरोप लगे हैं।
सृष्टि के अनुसार:

  • 18 साल से ऊपर की लड़कियों को निशाना बनाया जाता था

  • फोन तुड़वाए जाते थे,

  • फर्जी सिम कार्ड दिए जाते थे,

  • और डिजिटल सबूत कैसे मिटाने हैं, इसकी बाकायदा ट्रेनिंग दी जाती थी।

सृष्टि ने बताया कि उसे भी यही सिखाया गया। लेकिन जब उसने घर से बाहर जाने से मना कर दिया, तो उसे कहा गया कि:

“तुम इन्वेस्टमेंट के लायक नहीं हो, तुम्हारी मदद नहीं की जा सकती।”


मामला बेहद गंभीर, जांच की मांग तेज

इस पूरी कहानी ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि क्या देश में सुनियोजित धर्मांतरण रैकेट सक्रिय हैं?
इस मामले में:

  • गैंग के सभी सदस्यों की पहचान, गिरफ्तारी और जांच जरूरी है

  • विदेश कनेक्शन की गहराई से जांच होनी चाहिए

  • और ब्रेनवॉश की शिकार लड़कियों की मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग करवाई जानी चाहिए


कानूनी रूप से क्या बनता है मामला?

अगर सृष्टि के आरोप सही पाए जाते हैं, तो यह मामला बन सकता है:

  • भारतीय दंड संहिता की धारा 295A (धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाना)

  • धारा 420 (धोखाधड़ी)

  • और उत्तर प्रदेश धर्मांतरण प्रतिषेध अधिनियम 2021 के तहत संगीन अपराध।


निष्कर्ष: धर्म के नाम पर शिकार बनती बेटियाँ — क्या अब भी चुप रहेगा सिस्टम?

यह मामला सिर्फ सृष्टि का नहीं है, बल्कि उन सैकड़ों लड़कियों का प्रतीक है जो धर्मांतरण गैंग के जाल में फँसकर अपनी पहचान, सुरक्षा और स्वतंत्रता खो बैठती हैं।

अब वक्त है कि सिर्फ ट्वीट और ट्रेंड नहीं, जमीनी कार्रवाई हो।

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