Lucknow News: राहुल गांधी का ‘चित भी मेरी, पट भी मेरी’ वाला फार्मूला अब देश नहीं मानता- केशव प्रसाद मौर्य
Lucknow News: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लिखे गए हालिया लेख की तीखी आलोचना की है। उन्होंने एक्स (पूर्ववर्ती ट्विटर) पर रविवार को पोस्ट करते हुए लिखा: “राहुल गांधी का ‘चित भी मेरी, पट भी मेरी’ फार्मूला अब देश नहीं स्वीकारता। जब कांग्रेस हारे, तो ईवीएम ख़राब! और जब कहीं सीटें मिल जाएं, तो कहें कि भाजपा की लोकप्रियता घट गई!””राहुल गांधी का ‘चित भी मेरी, पट भी मेरी’ फार्मूला अब देश नहीं स्वीकारता। जब कांग्रेस हारे, तो ईवीएम ख़राब! और जब कहीं सीटें मिल जाएं, तो कहें कि भाजपा की लोकप्रियता घट गई!”
उन्होंने आगे लिखा: “कुछ सीटें क्या मिल गईं, कांग्रेस का अहंकार सातवें आसमान पर जा पहुँचा। लेकिन हरियाणा, दिल्ली और महाराष्ट्र की जनता ने उस घमंड को चकनाचूर कर दिया। आने वाले दिनों में बाकी राज्यों में भी गरीब कल्याण और सुशासन का कमल खिलेगा और ‘कांग्रेस-मुक्त भारत’ का सपना साकार होगा।”
जय भाजपा, 2047 तक तय भाजपा!
केशव मौर्य ने कांग्रेस पर राष्ट्रीय उपलब्धियों को लेकर नकारात्मक मानसिकता रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा: “भारत की हर सफलता कांग्रेस को चुभने लगती है। ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी हो या पाकिस्तान की साजिशों का पर्दाफाश करने विदेश भेजा गया प्रतिनिधिमंडल — कांग्रेस इन सब पर संदेह कर रही है। मज़ेदार बात यह है कि उस प्रतिनिधिमंडल में शशि थरूर, सलमान खुर्शीद, मनीष तिवारी, और आनंद शर्मा जैसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता भी शामिल थे — जो राहुल गांधी से कहीं अधिक अनुभवी और समझदार हैं।”
केशव मौर्य ने यह भी कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मजबूत नेतृत्व नहीं होता, तो सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, और ऑपरेशन सिंदूर जैसे ऐतिहासिक कदम कभी नहीं उठाए जाते।
Lucknow News: also read- West Bengal: कोलकाता में चढ़ा गर्मी का पारा, मानसून की राह देख रहा दक्षिण बंगाल
उन्होंने कांग्रेस शासन की विफलताओं को याद दिलाते हुए कहा: “कांग्रेस के दौर में भी सेना सक्षम थी, लेकिन तब नेतृत्व कायर था। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था, लाखों कश्मीरी पंडितों को पलायन करना पड़ा, हज़ारों निर्दोष नागरिकों और जवानों की जान गई। लेकिन उस समय के नेता सिर्फ भाषण देते थे, निर्णायक कदम उठाने का साहस नहीं दिखा पाए।”
“मोदी हैं, तो मुमकिन है!”