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Lucknow Update: मेधज ग्रुप में धूमधाम से मनाई गई आदि गुरु भगवान शंकराचार्य जी की जयंती

मनुष्य के आचरण में धर्म स्थापित होना चाहिए : डॉ समीर त्रिपाठी

Lucknow Update:  मेधज ग्रुप ने आज आशियाना स्थित मेधज टावर में आदि गुरु भगवान शंकराचार्य जी की जयंती समारोह धूमधाम से मनाया। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी की उपस्थिति में आयोजित इस समारोह में मेधज एस्ट्रो यूट्यूब चैनल पर शिव प्रातः स्तोत्रम एवं हनुमान स्तोत्रम का विमोचन भी हुआ।


मेधज ग्रुप के प्रमुख डॉ समीर त्रिपाठी व उनकी माताजी श्रीमती रेखा त्रिपाठी के साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने दीप प्रज्ज्वलित के साथ गणेश पूजन कर आदि गुरु भगवान शंकराचार्य जी की जयंती समारोह की शुरुआत की। इस अवसर पर श्रीमती रेखा त्रिपाठी द्वारा जहां शिव प्रातः स्तोत्रम का विमोचन किया गया वहीं राकेश त्रिपाठी ने हनुमान स्तोत्रम का विमोचन किया।

इस अवसर पर आदि गुरु शंकराचार्य जी को भगवान का स्वरूप बताते हुए डॉ समीर त्रिपाठी ने कहा कि आज ही के दिन वैशाख माह शुक्ल पक्ष की पंचमी को आदि गुरु भगवान शंकराचार्य जी का जन्म हुआ था। उन्होंने कहा कि जो अंधकार से प्रकाश की तरफ ले जाए वही गुरु है। चार पीठों की स्थापना कर आदि गुरु शंकराचार्य जी ने धर्म स्थापित किया था, इसलिए मनुष्य के आचरण में धर्म स्थापित होना चाहिए। ज्योतिष के प्रकांड विद्वान डॉ समीर त्रिपाठी ने कहां कि श्रवण, मनन व कीर्तन से ही मनुष्य देव, पितृ व ऋषि ऋण से मुक्त हो सकता है। उन्होंने बताया कि आदि गुरु शंकराचार्य जी ने लोगों के कल्याण के लिए सूर्य स्तोत्रम की रचना की थी। उन्होंने बताया कि सूर्य की पुत्री पृथ्वी है। इस पृथ्वी पर रहने वाले सभी के लिए यह मंत्र लाभकारी है। साक्षात देव सूर्य से ही हमें ऊर्जा मिलती है। सूर्य हमारे पिता है, वही ऊर्जा के एकमात्र स्रोत है, उन्हीं से हमें शक्ति मिलती है। सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए 2 मिनट का यह स्तोत्रम सबके लिए फलदाई सिद्ध होगा। धन यश आदि के कारक सूर्य है। सूर्य देव है तो हम हैं। सूर्य उदय से 48 मिनट पहले ही स्नान कर हमें उनका स्वागत करना चाहिए।
डॉ त्रिपाठी रामचरितमानस, शिव पुराण, देवी पुराण व भगवत गीता आदि का भी गायन किया है। कोरोना काल में उन्होंने शास्त्रों के गायन का शुभारंभ किया था। उनका कहना है कि आदि गुरु शंकराचार्य जी कलयुग के भगवान हैं।उनका मणिकर्णिका अष्टकम सुनने मात्र से ही समस्याओं का समाधान हो जाता है। डॉ समीर त्रिपाठी उपनिषदों पर टिका लिखने का भी कार्य कर रहे हैं। उनका कहना है कि 108 उपनिषदों में से 14 पर ही टिका लिखा गया है।
डॉ त्रिपाठी से पूर्व उनकी माताजी श्रीमती रेखा त्रिपाठी जी ने कहा कि शंकर भगवान के स्वरूप आदि गुरु भगवान शंकराचार्य जी ने देश के चारों कोनों पर चार पीठ बनाकर सनातन धर्म को बढ़ावा दिया। उसी के अनुसार हम सबको चलना चाहिए। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि मेधज पहली ऐसी संस्था है, जो इस प्रकार का आयोजन कर रही है। इस तरह के आयोजन से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस अवसर पर जहां मेधज संस्था के विभिन्न कर्मचारी ने शंकराचार्य जी के जीवन पर अपने विचार रखे वहीं सुदेश खरे व ओम प्रकाश द्वारा राम मेरे राम सहित कई भजन प्रस्तुत किए गये। कार्यक्रम का संचालन श्वेता कुमारी ने किया।

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