Mumbai news: भारत ने अपनी बढ़ती समुद्री ताकत को हिंद-प्रशांत देशों के सामने किया

Mumbai news: भारत ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी बढ़ती समुद्री ताकत का प्रदर्शन करते हुए पहले ‘क्वाड पोर्ट्स ऑफ द फ्यूचर’ सम्मेलन की मेजबानी की। इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन में 24 हिंद-प्रशांत देशों के 120 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और भविष्य के लिए तैयार, सुरक्षित और लचीले बंदरगाहों के निर्माण पर विचार-विमर्श किया।

समुद्री क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका

सम्मेलन का उद्देश्य क्वाड देशों के बीच समुद्री सहयोग को बढ़ाना और बंदरगाहों के बुनियादी ढांचे, वित्तपोषण, नियामक ढांचे, कार्यबल विकास, प्रौद्योगिकी, डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र, साइबर सुरक्षा और स्थिरता जैसे विषयों पर साझा दृष्टिकोण विकसित करना था।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि यह पैनल चर्चा समुद्री क्षेत्र के लिए एक साझा क्वाड दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने पर केंद्रित रही।

पीएम मोदी का दृष्टिकोण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिंक्डइन पर पोस्ट करते हुए कहा, “भारत की लंबी तटरेखा, रणनीतिक व्यापार मार्ग और ब्लू इकोनॉमी का महत्वाकांक्षी विजन इसे निवेश के लिए आदर्श बंदरगाह बनाता है।” उन्होंने वैश्विक समुद्री उद्योग के दिग्गजों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया और कहा कि भारत का पारिस्थितिकी तंत्र नवाचार के लिए तैयार है।

पीएम मोदी ने बताया कि पिछले एक दशक में भारत का समुद्री क्षेत्र पुराने कानूनों और सीमित क्षमताओं से निकलकर आधुनिक बुनियादी ढांचे, वैश्विक विश्वास और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बन गया है। उन्होंने आंकड़ों के साथ बताया कि भारत की बंदरगाह क्षमता 1,400 एमएमटीपीए से बढ़कर 2,762 एमएमटीपीए हो गई है, जबकि कार्गो हैंडलिंग 972 एमएमटी से बढ़कर 1,594 एमएमटी तक पहुंच गई है।

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मैरीटाइम लीडर्स सम्मेलन में भारत की प्रतिबद्धता

भारत समुद्री सप्ताह 2025 के तहत आयोजित मैरीटाइम लीडर्स सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा, “पिछले 11 वर्षों में भारत के समुद्री क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव आया है। हमें गर्व है कि हमारे बंदरगाह आज दुनिया के सबसे कुशल बंदरगाहों में शामिल हो रहे हैं। हमें मिलकर शांति, प्रगति और समृद्धि की ओर बढ़ना है और एक सतत भविष्य का निर्माण करना है।”

रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी

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