Nepal Protest: Gen-Z क्रांति ने हिला दी ओली सरकार की नींव, क्या नेपाल में होगा सत्ता परिवर्तन?
Nepal Protest: नेपाल में इस समय एक ऐतिहासिक आंदोलन चल रहा है, जिसे ‘जेन-जेड क्रांति’ का नाम दिया गया है। यह आंदोलन प्रधानमंत्री केपी ओली की सरकार द्वारा 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद शुरू हुआ। इस प्रतिबंध ने देश भर के युवाओं में भारी आक्रोश पैदा किया है, जो अब इंटरनेट की आजादी के साथ-साथ भ्रष्टाचार और बेरोजगारी जैसे मुद्दों के खिलाफ भी अपनी आवाज उठा रहे हैं।
सोशल मीडिया प्रतिबंध और युवा आक्रोश
सरकार ने हाल ही में 26 सोशल मीडिया साइट्स पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे युवाओं ने अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला माना। इस कदम ने छात्रों, युवा पेशेवरों और सामान्य नागरिकों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया। यह विरोध प्रदर्शन न सिर्फ काठमांडू बल्कि पूरे नेपाल में फैल गया है, जहां हजारों की संख्या में युवा मोबाइल की रोशनी के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं, जो अब लोकतंत्र की मशाल बन चुकी है।
सरकार का दमन और बढ़ता दबाव
इस आंदोलन को दबाने के लिए सरकार ने कर्फ्यू लगाया, लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले छोड़े और रबर की गोलियां चलाईं, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई। इन झड़पों में अब तक 19 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। विरोध के बढ़ते दबाव के कारण, गृहमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा, और अब प्रधानमंत्री ओली पर भी पद छोड़ने का दबाव लगातार बढ़ रहा है।
नेपाल का ‘अरब स्प्रिंग’?
दुनिया भर के विश्लेषक इस आंदोलन की तुलना “नेपाल के अरब स्प्रिंग” से कर रहे हैं। जिस तरह मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में सोशल मीडिया ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों को प्रेरित किया था, उसी तरह नेपाल में भी युवा डिजिटल माध्यमों का उपयोग करके एक बड़े बदलाव की मांग कर रहे हैं। यह आंदोलन सिर्फ सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंधों का विरोध नहीं है, बल्कि यह एक गहरी राजनीतिक और सामाजिक असंतोष का प्रतिबिंब है।
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ओली सरकार का भविष्य अनिश्चित
वर्तमान स्थिति को देखते हुए, ओली सरकार का भविष्य अनिश्चित लग रहा है। जिस तरह से आंदोलन व्यापक हो रहा है और सरकार के खिलाफ जनभावनाएं बढ़ रही हैं, उससे यह कहना मुश्किल नहीं है कि यह जेन-जेड क्रांति सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। क्या यह आंदोलन सरकार को गिराने में सफल होगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि नेपाल के इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।