New Delhi- योगी सरकार का ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ बना दूसरे प्रदेशों के लिए मॉडल
New Delhi- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एनडीए मुख्यमंत्रियों की बैठक में राज्य की अति महत्वपूर्ण योजना ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ की उपलब्धियों को प्रस्तुत किया। बैठक में मौजूद एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस परियोजना की सराहना की और कई राज्यों ने इसे अपने यहां लागू करने की इच्छा भी जताई।
प्रोजेक्ट अलंकार परियोजना उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए शुरू की गई है। बैठक का मकसद राज्यों के बीच अच्छे शासन के तरीकों को साझा करना था, जिसमें यूपी के प्रोजेक्ट अलंकार ने सबका ध्यान आकर्षित किया।
1 अक्टूबर, 2021 को शुरू हुई थी परियोजना
बता दें कि प्रोजेक्ट अलंकार की शुरुआत 1 अक्टूबर, 2021 को हुई थी। इसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश के 2,441 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में 35 पैरामीटर्स की शत-प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित करना है।
इस परियोजना के जरिए स्कूलों में नई कक्षाएं, प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय, कंप्यूटर लैब, स्मार्ट क्लास, साफ पानी और शौचालय जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं, ताकि छात्रों को पढ़ने के लिए अच्छा और स्वच्छ माहौल मिले। इस योजना के लिए पैसा राज्य सरकार, समग्र शिक्षा, ग्राम पंचायत, शहर के निकाय, कंपनियों के सामाजिक योगदान और लोगों की मदद से आता है। इसकी देखरेख जिला स्तर पर जिलाधिकारी और राज्य स्तर पर शिक्षा निदेशक की अगुआई वाली समितियां करती हैं।
स्कूल आने और पढ़ने के लिए उत्साह दिखा रहे बच्चे
2024 की वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (एएसईआर) में बताया गया है कि ”स्पष्ट रूप से उत्तर प्रदेश के स्कूलों में कुछ ऐसा हो रहा है, जिससे बच्चे स्कूल आकर सीखना चाहते हैं”। 2022-23 से 2024-25 के बीच माध्यमिक स्कूलों में नामांकन 23 प्रतिशत बढ़ा है। प्राथमिक स्कूलों (कक्षा 1-5) में 2010 से 2024 तक उपस्थिति 11.5 प्रतिशत बढ़ी है। वहीं उच्च प्राथमिक स्कूलों में 2018 से 2024 तक उपस्थिति 9.6 प्रतिशत बढ़ी, जो देश में सबसे ज्यादा है। पुस्तकालय का इस्तेमाल 55.2 प्रतिशत और लड़कियों के शौचालय की सुविधा 54.4 प्रतिशत बढ़ी है।
इस परियोजना में मुख्यमंत्री मॉडल स्कूल (प्री-प्राइमरी से कक्षा 12) और मुख्यमंत्री अभ्युदय स्कूल (प्री-प्राइमरी से कक्षा 8) भी बनाए जा रहे हैं। इन स्कूलों में आधुनिक सुविधाएं हैं, जैसे छोटे बच्चों के लिए अलग इमारत, स्टेम लैब, कंप्यूटर लैब, स्मार्ट क्लास, खेल का मैदान, मिनी स्टेडियम, सौर पैनल और पानी बचाने की इकाइयां। अभ्युदय स्कूलों के लिए हर स्कूल को 1.42 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जो 450 छात्रों के लिए तैयार किए गए हैं।
वहीं इस योजना के तहत प्रदेश के 7 जिलों में स्थित 11 संस्कृत विद्यालयों में कक्षा और कक्षों का निर्माण, जीर्णोद्धार, लैब और अन्य अवस्थापना सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है। योगी सरकार ने 141 संस्कृत विद्यालयों के कायाकल्प के लिए 14.94 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी है।
ये हैं 35 पैरामीटर्स, जिनके तहत सरकारी स्कूलों का हो रहा कायाकल्प
प्रोजेक्ट अलंकार के तहत उत्तर प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए 35 महत्वपूर्ण पैरामीटर्स को सुनिश्चित किया गया है। इनमें स्मार्ट क्लास शामिल हैं, जहां डिजिटल बोर्ड और प्रोजेक्टर जैसी आधुनिक तकनीक का उपयोग होता है। इसके अलावा, एकीकृत विज्ञान प्रयोगशाला, जीवविज्ञान, रसायन विज्ञान और भौतिकी के लिए अलग-अलग प्रयोगशालाएं हैं, जो छात्रों को व्यावहारिक शिक्षा प्रदान करती हैं। पुस्तकालय और कंप्यूटर लैब पढ़ाई और तकनीकी कौशल के लिए उपलब्ध हैं, जबकि बहुउद्देशीय हॉल स्कूल के कार्यक्रमों और गतिविधियों के लिए बनाया गया है।
प्रधानाचार्य और शिक्षकों के लिए अलग-अलग कक्ष, छात्रों के लिए डेस्क-बेंच फर्नीचर और मध्याह्न भोजन के लिए नल के पानी की सुविधा वाली रसोई भी शामिल है। कक्षाओं में टाइल्स, साइकिल स्टैंड और रेलिंग के साथ रैंप जैसी सुविधाएं स्कूल को आधुनिक और सुलभ बनाती हैं। सुरक्षित पेयजल और नल के पानी की आपूर्ति के साथ-साथ लड़कों, लड़कियों और दिव्यांगों के लिए अलग-अलग शौचालय और मूत्रालय और इनमें टाइल्स का उपयोग स्वच्छता सुनिश्चित करता है।
इसके अतिरिक्त, खेल का मैदान, बरामदा, बिजली कनेक्शन, इंटरनेट सुविधा, बाउंड्री वॉल, मुख्य द्वार, हरियाली के लिए जगह, स्टोर रूम, मध्याह्न भोजन क्षेत्र, स्टेज, कर्मचारी कक्ष, गार्ड रूम, और डीप फ्रीजर जैसी सुविधाएं शामिल हैं।