New Delhi: दिल्ली मेट्रो ने 500 मिलियन यूनिट अक्षय ऊर्जा की आपूर्ति के लिए आमंत्रित की बोलियां
New Delhi: दिल्ली मेट्रो के संचालन के लिए अक्षय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने की दिशा में दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने बड़ा कदम उठाया है। डीएमआरसी अब हर साल 500 मिलियन यूनिट (एमयू) अक्षय ऊर्जा की आपूर्ति के लिए बोलियां आमंत्रित कर रहा है। यह जानकारी डीएमआरसी ने अपने एक्स अकाउंट पर रविवार को साझा की।
डीएमआरसी की एक्स पर पोस्ट के मुताबिक, डीएमआरसी हमेशा से अपने यात्रियों को स्वच्छ, हरित और परेशानी मुक्त सार्वजनिक परिवहन सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। अपनी मौजूदा बिजली मांग के एक महत्वपूर्ण हिस्से को पूरा करने के लिए डीएमआरसी पहले से ही रीवा सोलर पार्क से सालाना लगभग 350 एमयू बिजली ले रहा है। इसके अलावा डीएमआरसी अपने मेट्रो स्टेशनों, डिपो और स्टाफ कॉलोनियों की छतों पर स्थापित रूफटॉप सोलर प्लांट से सालाना 40 एमयू बिजली पैदा कर रहा है।
डीएमआरसी वर्तमान में अक्षय ऊर्जा का इस्तेमाल परिचालन घंटों के दौरान कुल बिजली उपयोग का लगभग 33 प्रतिशत और दिन के समय मेट्रो संचालन के दौरान लगभग 65 प्रतिशत है।
दिल्ली मेट्रो दिल्ली और एनसीआर में डीएमआरसी को हर साल 500 एमयू अक्षय ऊर्जा की आपूर्ति करने के लिए भारत में कहीं भी बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) के साथ ग्रिड से जुड़े कैप्टिव जनरेटिंग प्लांट की स्थापना के लिए एक ‘सौर ऊर्जा डेवलपर’ का चयन करने के लिए बोलियां आमंत्रित कर रही है। यह एक स्वच्छ और अधिक लचीले ऊर्जा भविष्य की ओर भारत के परिवर्तन का समर्थन करने की दिशा में एक कदम है।
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हिस्सेदारी को मौजूदा 33 फीसद से बढ़ाकर अपनी कुल ऊर्जा आवश्यकता (चरण- IV नेटवर्क विस्तार सहित) के 60 फीसद से अधिक करना है। परियोजना की निर्धारित पूर्णता अवधि ठेका मिलने की तिथि से 15 महीने होगी और विद्युत क्रय समझौते की अवधि 25 वर्ष होगी। बोली प्रक्रिया स्वीकृत सरकारी मानदंडों के अनुसार लागू की जाएगी। यह डीएमआरसी द्वारा भारत सरकार की प्रस्तावित पांच-स्तरीय रणनीति “पंचामृत” में योगदान देने का एक प्रयास है, जिसमें सीओपी 26 में घोषित पांच जलवायु कार्रवाई लक्ष्य शामिल हैं।