मुख्यमंत्री ने उ.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की लाभार्थियों समूहों को हस्तान्तरण किया फण्ड

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज अपने सरकारी आवास पर ‘मिशन शक्ति अभियान’ के तहत उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े 40,000 स्वयं सहायता समूहों को रिवॉल्विंग फण्ड (15,000 रुपए प्रति समूह) तथा 2,606 समूहों को कम्युनिटी इन्वेस्टमेण्ट फण्ड (1,10,000 रुपए प्रति समूह) कुल 88.66 करोड़ रुपए का ऑनलाइन हस्तान्तरण किया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने अनुपूरक पुष्टाहार के उत्पादन व आपूर्ति के सापेक्ष जनपद फतेहपुर की इकाई की महिलाओं को 45,59,915 रुपए तथा जनपद उन्नाव की इकाई की महिलाओं को 46,37,567 रुपए के चेक वितरित किए। इस अवसर पर उन्होंने उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की लाभार्थियों से वर्चुअल संवाद भी किया।

मुख्यमंत्री ने उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े लाभार्थियों को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनके सामूहिक प्रयासों से विकास व समृद्धि की दिशा में सार्थक परिणाम प्राप्त होंगे। उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को आर्थिक गतिविधियों से जोडऩे का कार्य किया गया है। इससे रोजगार के व्यापक अवसर सृजित हुए हैं और प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज 15,000 रुपए प्रति समूह की दर से 40,000 स्वयं सहायता समूहों को रिवॉल्विंग फण्ड तथा 1,10,000 रुपए प्रति समूह की दर से 2,606 स्वयं सहायता समूहों को कम्युनिटी इन्वेस्टमेन्ट फण्ड की कुल 88.66 करोड़ रुपए की धनराशि ऑनलाइन हस्तान्तरित की गयी है। साथ ही, अनुपूरक पुष्टाहार के उत्पादन एवं आपूर्ति के क्रम में जनपद फतेहपुर तथा जनपद उन्नाव के स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्यों को एकीकृत बाल विकास सेवा द्वारा चेक प्रदान किया जा रहा है।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रदेश सरकार का यह प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने में सहायक होगा। इससे महिलाएं अपने-अपने स्वरोजगार की स्थापना कर सकेंगी, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन एवं सामाजिक व आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में दीनदयाल अन्त्योदय योजना एन0आर0एल0एम0 महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इससे प्रदेश के सर्वांगीण व सशक्त विकास में योगदान मिल रहा है।

प्रदेश सरकार के विशेष प्रयासों से आजीविका मिशन में 04 लाख 80 हजार स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लगभग 52 लाख परिवारों को जोड़ा गया है। वित्तीय समावेशन प्रक्रिया के अन्तर्गत 3,10,832 से अधिक समूहों को 15,000 रुपए प्रति समूह की दर से, 466.24 करोड़ रुपए का रिवॉल्विंग फण्ड तथा 1,10,000 रुपए प्रति समूह की दर से 1,86,015 स्वयं सहायता समूहों को 2046.16 करोड़ रुपए की सामुदायिक निवेश निधि प्रदान की गई है। बैंक क्रेडिट लिंकेज हेतु 1,26,709 स्वयं सहायता समूहों को विभिन्न बैंकिंग संस्थाओं से जोडक़र 1,267 करोड़ रुपए की धनराशि अनुदानित ब्याज पर उपलब्ध करायी गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के समय में आजीविका मिशन से सम्बन्धित समूह की सदस्यों ने प्रदेश के 75 जनपदों के 826 विकास खण्डों में सतत विकास को मूर्त रूप देने में अपनी सार्थकता को सिद्ध किया है। कोविड-19 जागरूकता एवं बचाव कार्य में वर्ष 2020-21 में खादी विभाग से कपड़े की आपूर्ति के माध्यम से 20,396 स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों द्वारा 01 करोड़ 23 लाख मास्क एवं 1,223 सदस्यों द्वारा 50,714 पी0पी0ई0 किट का निर्माण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजीविका मिशन से जुड़ी प्रदेश की 67 हजार महिलाओं से 01 करोड़ 55 हजार स्कूल ड्रेस की सिलाई करायी गयी है, जिसमें 100 करोड़ रुपए का लाभ अर्जित हुआ। ड्रेस सिलाई से प्रति महिला 6,000 रुपए की मासिक आय का सृजन हुआ।

टेक होम राशन परियोजना के अन्तर्गत प्रदेश के 43 जनपदों के 204 विकासखण्डों में स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्यों द्वारा पुष्टाहार उत्पादन इकाई की स्थापना कर पुष्टाहार तैयार कर आंगनबाड़ी केन्द्रों में वितरण किए जाने का निर्णय लिया गया। इसी क्रम में जनपद फतेहपुर के विकासखण्ड मलवा तथा जनपद उन्नाव के विकासखण्ड बीघापुर में पुष्टाहार इकाई स्थापित कर टेक होम राशन का उत्पादन आरम्भ कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों के समस्त विकासखण्डों में 63,000 समूहों द्वारा ड्राई राशन यथा-गेहूं, चावल, चना, एडिबल ऑयल का उठान एवं पैकिंग कर, 01 करोड़ 64 लाख आंगनबाड़ी केन्द्रों में विभिन्न वर्गों (बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं, अतिकुपोषित बच्चों व किशोरी बालिकाओं) के 01 करोड़ 47 लाख लाभार्थियों को इसका वितरण किया जा रहा है।

इसी प्रकार 2,966 उत्पादक समूहों के माध्यम से 45,824 महिला किसानों को सब्जी-फल, खाद्यान्न उत्पादन एवं पशुपालन के कार्य से जोडक़र आजीविका के साधन उपलब्ध कराए गए हैं। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा 35,654 सामुदायिक शौचालय का संचालन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समूहों द्वारा 29 लाख सोलर लैम्प का निर्माण किया गया, जिससे लगभग 07 करोड़ रुपए की आय हो चुकी है। प्रति महिला औसतन 5,000 से 7,0000 रुपए की मासिक आय का सृजन किया जा रहा है। वर्तमान में 705 से ज्यादा प्रेरणा कैण्टीन का संचालन स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। कैण्टीन के संचालन से प्रति महिला औसतन 6,000 रुपए की मासिक आय सृजित हो रही है। प्रदेश में उचित दर की 1,488 दुकानें स्वयं सहायता समूहों को आवंटित की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में दुग्ध मूल्य श्रृंखला हेतु बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी का गठन किया गया है।

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