एलएलआर में भूख हड़ताल पर बैठी नर्सों की हालत बिगड़ी, अस्पताल और मेडिकल कालेज प्रशासन अड़ियल रवैये पर अड़ा

कानपुर। रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रकरण में एलएलआर अस्पताल के न्यूरो साइंस सेंटर के कोविड अस्पताल से नौकरी से निकाली गईं स्टाफ नर्स और वार्ड ब्वाय चार दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। सोमवार सुबह चार और नर्सों की हालत बिगड़ गई। उन दोनों को एलएलआर अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया है। चार दिनों में पांच नर्सों की हालत बिगड़ चुकी है। फिर भी अस्पताल और मेडिकल कालेज प्रशासन अडिय़ल रवैया अपनाए हुए है।

डॉक्टरों और नोडल अफसरों को बचाने के लिए किया निलंबित

रेमडेसिवीर घोटाले में सबसे अहम नोडल अधिकारी होता है। नोडल अफसर ही रेमडेसिवीर इंजेक्शन अलॉटमेंट की देखरेख करता है और इंजेक्शन को डॉक्टर का परचा देख कर अलॉट भी करता है। हड़ताल पर बैठी नर्सिंग स्टाफ कुमुद ने बताया कि,जिस समय इंजेक्शन जारी हुए उस समय हैलट के डॉक्टर को ही नोडल अधिकारी बनाया गया था। उसी को बचाने के लिए हम लोगों को निलंबित किया गया है।


हैलट अस्पताल में चल रही इस हड़ताल में शुक्रवार से लेकर सोमवार तक आठ लोगों की तबियत बिगड़ चुकी है, लेकिन इन लोगों से बातचीत के लिए न तो जीएसवीएम के प्राचार्य डॉ संजय काला आये है और ना ही कोई हैलट से अन्य कोई जिम्मेदार आया। सोमवार को जिन चार लोगों की हालत बिगड़ी है उनको हैलट इमरजेंसी में भर्ती करवाया गया है, जिसमे से तीन लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने बताया इन तीनों की शुगर और बीपी काफी कम हो गया है। इन तीनों को ड्रिप लगा कर इलाज शुरू किया गया है।

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