बरेली: कारखानों की तर्ज पर चल रहे हैं मिठाई बनाने का काम, खोये के बजाय पाउडर से बन रही है मिलावटी मिठाइयां

बरेली। होशियार, आप मिठाई के बदले कहीं मीठा जहर तो नहीं खरीद रहे हैं और वह पूरे सरकारी अमले की मिलीभगत से । नगर में आजकल ऐसी ही मिठाइयों का बोलबाला है और मिठाई की अधिकतर दुकानों पर यही लोकल मिठाइयां बेची जा रही हैं । नगर से सटे ग्रामों में मिलावटी पाउडर वाली मिठाई बनाने के बड़े – बड़े कारखाने चल रहे हैं जहां से ये मिठाइयां नगर के साथ ही आस पास व दूरस्थ बाजारों में पहुंचाई जाती हैं, और मोटे मुनाफे के चक्कर में दुकानदार भी ये मिठाइयां बेंचकर बारे न्यारे कर रहे है।

अब रक्षा बन्धन व जन्माष्टमी जैसे त्योहारों पर इन मिठाइयों का ही बोल बाला रहेगा | सिर्फ नगर मे ही नहीं, चर्चा तो यहां तक है इन कारखानों में लौंज, मिल्क केक, बर्फी व बेसन पपड़ी आदि के साथ ही हर तरह की मिठाई तैयार कर महानगर तक में पहुचाई जाती है जो बडी बड़ी दुकानों पर धड़ल्ले से बेंची जाती हैं। लेकिन मजे की बात ये है कि वर्षों से चल रहे इन मिलावटी मिठाइयों के कारखानों की खाद्य विभाग को जानकारी नहीं है ,और यदि है भी तो करेंसी के वजन में दबी हुई है।

प्रशासनिक अधिकारी भी इस ओर से मौन साधे हुए हैं, जबकि निकटवर्ती ग्राम ईंध जागीर व जयनगर में ये कारखाने अरसे से चल रहे हैं। बताते हैं कि इन कारखानों में निर्मित मिठाइयां कहीं अधिक सस्ते में दुकानदारों को उपलब्ध कराई जा रही हैं ऐसे में इनके मिलावटी होने का शक स्वयं ही पुख्ता हो जाता है फिर भी सम्बन्धित विभाग व प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से बचा क्यों बैठा है ?

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