लखनऊ: सैंपल कलेक्शन के बाद भी समय से नहीं मिल रही रिपोर्ट
लखनऊ। राजधानी में तेज बुखार के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे में मरीजों को डेंगू की पुष्टि करने के लिए भेजे गये सैंपल की एलाइजा रिपोर्ट भी समय से नहीं आ रही है। डॉक्टर बुखार की ही दवा से काम चल रहे हैं। राजधानी के बलरामपुर अस्पताल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल, व लोकबंधु अस्पताल में आये दिन बुखार के मरीज आ रहे हैं, लेकिन इनमें डेंगू की पुष्टि एलाइजा रिपोर्ट देर से आने के कारण समय से नहीं हो पा रही है।
हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि कई मरीजों में डेंगू के लक्षण दिखायी पड़े हैं और जो सैंपल जांच के लिए भेजे गये हैं उसमें 95 फीसदी रिपोर्ट निगेटिव आयी है। डॉक्टरों का कहना है कि एलाइजा की रिपोर्ट अगर समय से आ जाती है तो मरीज में अन्य बीमारियों के बारे में भी आसानी से पता लगाया जा सकता है।
एलाइजा रिपोर्ट से पता चलती हैं और बीमारियां
इस बारे में ब्लड बैंक में तैनात काउंसलर डॉ. अनिल बताते हैं कि जब भी एलाइजा टेस्ट के लिए सैंपल लिए जाता है तो उसे डेंगू के साथ—साथ और बीमारियों के बारे में भी पता चलता है। इसमें लिंग, वजन, ब्लड प्रेशर, ब्लड ग्रुप, हीमोग्लोबिन के साथ—साथ यह भी पता चलता है कि वह नशा तो नहीं करता।
ग्रामीण क्षेत्र से भी आ रहे मरीज
बुखार के कई मरीज ग्रामीण क्षेत्रों से भी आ रहे हैं। बलरामपुर के निदेशक बताते हैं कि काफी संख्या में मरीज शहर के ग्रामीण क्षेत्र के साथ—साथ अन्य जिलों से भी आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मरीजों में अगर प्लेटलेट्स कम हो जाए तो जरूरी नहीं है कि डेंगू ही हो। सामान्य बुखार में भी प्लेटलेट्स कम हो जाती हैं। जब 30 हजार से कम हो जाएं तो यह चिता की बात होती है।
टायफाइड के निकल रहे मरीज
लोहिया अस्पताल में स्थित पैथोलाजी में प्रतिदिन 30 से 40 मरीजों की खून की जांच कराई जा रही है। इनमें 10 से 12 मरीजों में टायफाइड की पुष्टि हो रही है। यहां के डॉक्टरों का कहना है कि लक्षण देखने पर ही डेंगू की जांच कराई जाती है, लेकिन अभी तक किसी में डेंगू नहीं पाया गया है।
डेंगू का खौफ मान सकते हैं, लेकिन अभी तक जो सैंपल भेजे गये हैं उसकी रिपोर्ट दो दिनों में आ रही है उसमें मामले निगेटिव ही निकल रहे हैं…मनोज अग्रवाल सीएमओ।