यूपी: कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा-चुनाव के वक्त ही भाजपा को क्यों याद आये राजा महेंद्र प्रताप

लखनऊ। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सवाल किया कि आखिर चुनाव के वक्त ही भाजपा को अलीगढ़ के राजा महेंद्र प्रताप सिंह क्यों याद आये। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. हिलाल अहमद ने कहा कि किसान आंदोलन की घेराबंदी से परेशान केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार किसान विरोधी कृषि कानूनों को वापस लेने के बजाय महान क्रांतिकारी राजा महेंद्र प्रताप को ‘जाट राजा’ बताकर किसानों की एकता को जातिवादी दांव से तोड़ना चाहती है।

उन्होंने कहा कि अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप के नाम से विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि पहले जिन क्रांतिकारियों का सम्मान नहीं किया गया, उनका सम्मान अब हो रहा है। हकीकत ये है कि राजा महेंद्र प्रताप जीवन भर आरएसएस को फासिस्ट बताते हुए उससे संघर्ष किया और 1957 के चुनाव में जनसंघ के प्रत्याशी अटल बिहारी वाजपेयी की मथुरा सीट से जमानत तक जब्त करा दी थी।

डा. हिलाल अहमद ने कहा कि बीजेपी को राजा महेंद्र प्रताप की याद तब आयी, जब चुनाव में कुछ महीने बचे हैं। अगर कुछ साल पहले यह शिलान्यास हो गया होता तो आज विश्वविद्यालय का उद्घाटन हो रहा होता। लेकिन भाजपा की नज़र में हर महान विभूति सिर्फ वोट की गणित का एक मोहरा भर है। भाजपा की राजनीति राजा महेंद्र प्रताप के आदर्शों के उलट है।

भाजपा लगातार हिंदू-मुस्लिम को लड़ाकर वोट की फसल काटती रही है जबकि 1915 में काबुल में बनी जिस पहली निर्वासित सरकार के राजा महेंद्र प्रताप राष्ट्रपति थे, उसके प्रधानमंत्री मौलवी बरकतुल्लाह और गृहमंत्री मौलवी उबैदुल्ला सिंधी को बनाया गया था। राजा महेंद्र प्रताप एक ऐसा भारत चाहते थे, जिसमें हिंदू और मुसलमान भाई-भाई की तरह रहेंगे जबकि भाजपा भाईचारे के इसी रिश्ते को तोड़ने में लगी है।

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