यूपीएससी प्री परीक्षा में 19,669 अभ्यर्थी रहे अनुपस्थित, जानें वजह

लखनऊ। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा रविवार को सिविल सेवा परीक्षा (प्री)- 2021 का आयोजन राजधानी के 84 केन्द्रों पर किया गया। इस परीक्षा में 20 हजार अभ्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए। जबकि दोनो पालियो की परीक्षा में 39588 परीक्षार्थियों को शामिल होना था। पेपर देने वाले अभ्यर्थियों ने बताया कि इस बार सिविल की प्री परीक्षा में खेलों से जुड़े सवाल भी पूछे गये है। ऐसे में खेलों के इतिहास में जो अभ्यर्थी रूचि नहीं रखते होंगे उनके लिए यह परीक्षा भारी पड़ सकती है। वहीं जिलाधिकारी ने बताया कि सभी परीक्षा केंद्रों पर मोबाइल जैमर लगाए गए थे, जिससे नकल विहीन परीक्षा कराई जा सके। सभी केन्द्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क अनिवार्य किया गया था।

19,669 अभ्यर्थी अनुपस्थित
जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार परीक्षा में लगभग 50 फीसदी अभ्यर्थी गैरहाजिर रहे। राजधानी के 84 केन्द्रों पर हुई परीक्षा में 39588 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। पहली पाली में 19919 परीक्षार्थी (50.31%) शामिल हुए और 19669 परीक्षा देने नहीं आए। वहीं दूसरी पाली में यह संख्या घटकर 19751 (49.89%) ही रह गई।

जिलाधिकारी ने किया केन्द्रों का औचक निरीक्षण
जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कुछ परीक्षा केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। वह उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग परीक्षा भवन स्थित परीक्षा केंद्र पर व्यवस्था देखने गए। उन्होंने बताया कि परीक्षा शांतिपूर्ण रही और कहीं नकल होने जैसी कोई शिकायत भी नहीं रही। इन चीजों पर नजर रखने के लिए लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट व जोनल मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई गई थी।

इतिहास और ग​णित में उलझे, खेल के सवाल देख उलझे
अभ्यर्थी संजीव पटेल ने बताया कि पिछले कई वर्षों के पेपर हल किए थे लेकिन कहीं भी खेलों से जुड़े सवाल नहीं थे। इस बार इन सवालों का पूछे जाने से हैरानी हो रही है। वहीं इतिहास के सवालों ने भी उलझाया है। वहीं सीमा शुक्ला ने बताया कि प्री का पेपर थोड़ा मुश्किल था लेकिन इतिहास से जुड़े सवाल आसान थे। वहीं साइंस एंड टेक्नोलॉजी, राज्य व्यवस्था के सवाल संतुलित थे। पॉलिटिक्स के भी कई सवाल थे। वहीं कृष्णा शर्मा ने बताया कि प्रश्नपत्र अप्रत्याशित था। अर्थव्यवस्था के प्रश्न सरल थे। वहीं समसामयिकी से पिछली वर्ष की तरह ही इस बार भी कम प्रश्न पूछे गए थे। पर्यावरण-पारिस्थितिकी के प्रश्न अपेक्षाकृत रूप से कठिन थे।

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