बोस के साथ अन्याय हुआ और पटेल को यथोचित सम्मान नहीं मिला: शाह

नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज आरोप लगाया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस तथा कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को देश में उतना महत्व नहीं मिला जितना मिलना चाहिए था और उनके साथ न्याय नहीं किया गया। शाह ने शनिवार को अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई द्वीप, शहीद द्वीप इको टूरिज़्म प्रोजेक्ट, स्वराज द्वीप वाटर एयरोड्रम और अन्य विकास परियोजनाओं का हवाई सर्वेक्षण भी किया। इस अवसर पर अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल एडमिरल (सेवानिवृत्त) डी के जोशी और केन्द्रीय गृह सचिव समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

उन्होंने कहा , “ नेता जी और उनके जीवन को देखकर महसूस होता है कि नेताजी के साथ अन्याय हुआ है। आज़ादी के आंदोलन के इतिहास का तेजस्वी ध्रुव तारा, जितना महत्व नेताजी को मिलना चाहिए उतना महत्व उन्हें नहीं मिला। सालों तक देश में आज़ादी के कई जाने-माने नेताओं को और उनके योगदान को छोटा करने का भी प्रयास किया गया। लेकिन अब समय गया है कि सभी को इतिहास में उचित स्थान मिलना चाहिए, जिनका योगदान था, बलिदान था, जिन्होंने जीवन न्यौछावर किया, उन्हें इतिहास में गौरवपूर्ण जगह मिलनी चहिए, और इसीलिए इस द्वीप का नाम नेताजी सुभाष के नाम पर रखने का काम प्रधानमंत्री मोदी ने किया है।”

श्री शाह ने कहा कि देश की 550 से अधिक रियासतों को जोड़ने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल के साथ भी कुछ इसी प्रकार का अन्याय हुआ। उन्होंने कहा , “ सरदार साहब को भी जितना सम्मान आज़ादी के बाद मिलना चाहिए, उतना सम्मान नहीं मिला। लेकिन इतिहास ख़ुद को दोहराता है, किसी के साथ कितना भी अन्याय करने का प्रयास किया जाए, काम कभी छिपता नहीं है और आज केवडिया में सरदार साहब की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा नरेन्द्र मोदी जी ने लगाई है जिसे देखने दुनियाभर से लोग आते हैं।”

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