महंत नरेंद्र गिरि मामले में सीबीआई कर रही वसीयत की जांच, जानें वजह
लखनऊ। नरेंद्र गिरी की मौत के मामले में सीबीआई की वसीयत की जांच करा रही है। वसीयत से जुडे़ अधिवक्ता से सीबीआई ने कई पहलुओं पर पूछताछ की है। सीबीआई ने यह पूछा कि वसीयतनामा को किन परस्थितियों में और क्यूं बदला गया था। किस कारण से वसीयत तीसरी बार लिखी गई। इन सब बिंदु पर सीबीआई ने अधिवक्ता से पूछताछ की है। यही नहीं महंत नरेंद्र गिरि प्रकरण में चिन्हित व्यक्तियों से पूछताछ कर रही है।
सीबीआई ने अधिवक्ता से पूछा कि वसीयतनामा तैयार कराते समय महंत नरेंद्र गिरी की मनोदशा क्या थी। क्या वसीयत को लेकर किसी भी तरह के दबाव तो नहीं बनाया गया था। बलबीर गिरि के बाद फिर आनंद गिरि वसीयत क्यों की गई थी। इसके बाद फिर से बलबीर गिरि के नाम वसीयत क्यों हुई। सीबीआई ने जानकारी लेते अधिवक्ता से यह पूछा कि वसीयतनामा बदलने को लेकर पहली बार कब महंत नरेंद्र गिरी ने संपर्क किया था।
इसके साथ वसीयतनामा से जुड़े बिन्दुवार सीबीआई ने अधिवक्ता से कई सवाल किए। प्रयागराज के अल्लापुर इलाके मे रहने वाले अधिवक्ता ऋषि शंकर द्विवेदी से महंत नरेंद्र गिरी ने वसीयतनामा तैयार कराई थी। वसीयतनामा में बलबीर गिरी को मठ बाघम्बरी गद्दी का उत्तराधिकारी घोषित किया गया है। वहीं सुसाइड नोट में भाी बलवीर का नाम दिया गया था।