स्कूलों द्वारा फीस वसूलने को लेकर दिया ज्ञापन

रायबरेली -राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं आरटीआई जागरूकता संगठन नई दिल्ली के राष्ट्रीय प्रभारी एवं राष्ट्रीय अनुशासन मंत्री ज्ञान प्रकाश तिवारी ने जिला अधिकारी को ज्ञापन देते हुए निवेदन किया है कोविड-19 के इस महामारी के समय में पूरे देश की कमर टूट चुकी है लेकिन प्राइवेट स्कूल जबरन फीस के लिए अभिभावकों को मैसेज लिखित या फोन कॉल के द्वारा दबाव बना रहे हैं साथ ही साथ बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई भी बंद कर दी है एक गंभीर महामारी में जहां बुनियादी जरूरतें पूरी करने में असमर्थ है वहां पर विद्यालय को 3 महीने की फीस कहां से दी जाए इस वक्त हर गार्जियन परेशान हैं घर के खर्चे चल पाना भी मुश्किल है जिसमें प्रवेश शुल्क परिवहन शुल्क लाइव शुल्क जो औरत ₹10000 है जिसकी निरंतर मांग जारी है लेकिन हम सभी अभिभावक ऑनलाइन ट्यूशन फीस देने को राजी हैं जिसका शुल्क ₹1000 प्रति माह से अधिक ना हो परंतु अप्रैल तथा मई की फीस पूर्ण रूप से माफ होनी चाहिए क्योंकि उस बीच में कई स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई नहीं हुई है
उन्होंने कहा कि हर विद्यालय शिक्षक के वेतन के अनुपात में अध्यापकों से शुल्क लिया जाए ताकि शिक्षक और अभिभावकों दोनों को इस गंभीर कोरोना महामारी में राहत मिल सके लॉकडाउन के कारण हम अध्यापकों के पास कोई आय का साधन नहीं बचा है हम अपनी बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं कर पा रहे जो अभिभावक बिल्कुल भी फीस जमा करने की स्थिति में नहीं है उनके बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा से वंचित किया जा रहा है
अतः माननीय जिला अधिकारी से निवेदन है इस मामले की शीघ्र अतिशीघ्र जांच करें और डीआईओएस को उचित कार्रवाई करने का आदेश देने की कृपा करें जिससे कोरोनावायरस जैसी बीमारी में और महंगाई के दौर में अगर आपको को राहत मिल सके इस अवसर पर गांधीनगर के राजेश चंद सोनी सत्येंद्र कुमार गुप्ता रजनीकांत श्रीवास्तव राजेंद्र कुमार गुप्ता प्रदीप कुमार गुप्ता उपेंद्र शुक्ला ऋतुराज शर्मा देवी शंकर शुक्ला राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं आठ जागरूकता संगठन नई दिल्ली के राष्ट्रीय प्रभारी एवं राष्ट्रीय अनुशासन मंत्री ज्ञान प्रकाश तिवारी पवन कुमार शुक्ला अमर प्रकाश गुप्ता कई अभिभावक गण उपस्थित थे।

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