रानी ने दिखाया, नारी न तो अबला है और न ही रणभूमि उसके लिए कोई बाधा: राजनाथ
झांसी। रानी लक्ष्मीबाई के जन्मोत्सव पर तीन दिवसीय राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व के शुभारंभ के लिए आये रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वीरांगना को नमन करते हुए कहा कि महारानी लक्ष्मीबाई ने अपनी वीरता और पराक्रम से दिखाया कि नारी न तो अबला है और न ही रणभूमि उसके लिए कोई बाधा। यहां मुक्ताकाशी मंच से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्यों की मौजूदगी में कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन करने के बाद रक्षा मंत्री ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि महारानी का जीवन भले ही छोटा था लेकिन उन्होंने अपने शौर्य और पराक्रम से उसे नई बुलंदियों तक पहुंचाया। “ मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी ” उनकी इस घोषणा ने स्वराज जैसे आंदोलन को जन्म दिया।
उन्होंने बहुत ही कम उम्र में अपने राजपाट,अपने परिजनों और अपने बच्चे को खोया लेकिन राष्ट्र के सम्मान को नहीं खोने दिया, यही उन्हें शिखर पर पहुंचाता है। रक्षा मंत्री ने प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व झांसी विधायक रवि शर्मा को यशस्वी व लोकप्रिय बताते हुए कहा “ वीर भूमि पर आयोजित रक्षा पर्व अपने आप में अनूठा है। मैं मुख्यमंत्री का आभार प्रकट करना चाहता हूं। यह पर्व आजादी के अमृत महोत्सव से हमें जोड़ता है। झांसी का कण कण महारानी के शौर्य और पराक्रम से ओतप्रोत है। महारानी की राष्ट्रभक्ति और मिट्टी को नमन करता हूं।
उन्होंने कहा “ दुर्भाग्य से हमारे देश में महिलाओं को आजादी के बाद सुरक्षा के क्षेत्र में काम करने का कम ही अवसर मिला। महिलाएं रक्षा व सुरक्षा के मामले में बहुत कुछ करके दिखा सकती हैं। सुभाषचंद्र बोस ने एक महिला रेजिमेंट बनायी थी जिसका नाम रानी लक्ष्मीबाई ब्रिगेड रखा था। जब से प्रधानमंत्री ने बागडोर संभाली है, महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। मैंने गृहमंत्री रहते हुए एडवाइजरी जारी की थी और उसके बाद ही पुलिस में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी। तीनों सेनाओं में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है, यही महारानी लक्ष्मीबाई के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।”