दंडात्मक शुल्क लगाने के लिये एमएसएमई ने निजी बैंकों की सीतारमण से की शिकायत
नयी दिल्ली । सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के प्रमुख उद्योग निकाय ने कैश क्रेडिट लाइन पर प्रतिबंध लगाने पर कथित रूप से बैंकों द्वारा दंडात्मक शुल्क लगाने को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को शिकायत की है।
भारतीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग संघ (एफआईएसएमई) के अध्यक्ष अनिमेश सक्सेना ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट के लिये अपनी राय देते हुए कर्जदारों के सामने आने वाली समस्याओं से श्रीमती सीतारमण को अवगत कराया।
अनिमेश सक्सेना ने कहा, यदि दंडात्मक शुल्क लगाने के खिलाफ नियमों से बचने के लिए एमएसएमई द्वारा कैश क्रेडिट (सीसी) सीमा जैसी सुविधाओं को बंद करने का विकल्प चुना जाता है, तो कुछ निजी क्षेत्र के बैंक सीसी सीमा को ओवरड्राफ्ट बताते हैं और जुर्माना लगाते हैं।
उन्होंने ज्ञापन में कहा कि निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा प्रतिबंध लगाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों से बचने के लिए सीसी सीमा को ओवरड्राफ्ट के रूप में समाप्त करने से रोकने की जरूरत है और इस तरह के काम करने वाले बैंकों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए।
अधिकारी ने बताया कि कुछ निजी बैंक सूक्ष्म और लघु उद्योगों के लिए बैंक की प्रतिबद्धता की संहिता के उल्लंघन में एमएसएमई द्वारा दो से चार प्रतिशत तक का जुर्माना लगाता जाता है।