योगी मंत्रिमंडल विस्तार में बढ़ सकता है ब्राह्मणों का कैबिनेट में हिस्सा
उत्तर प्रदेश 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां राजनीतिक दलों ने अभी से शुरू कर दी हैं. विपक्ष ब्राह्मण मुद्दे पर योगी सरकार को पहले से ही घेरने में जुटा है और चुनावी आहट के साथ बीजेपी विधायकों की बेचैनी भी सामने आने लगी है. ऐसे में माना जा रहा है कि योगी सरकार अपने कैबिनेट विस्तार से जातीय और राजनीतिक समीकरण साध सकती है.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के साढ़े तीन साल बीत गए हैं और आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. विपक्ष ब्राह्मण मुद्दे पर योगी सरकार को पहले से ही घेरने में जुटा है और चुनावी आहट के साथ बीजेपी विधायकों की बेचैनी भी सामने आने लगी है. ऐसे में माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिमंडल का जल्द पुनर्गठन कर राजनीतिक और सामाजिक संतुलन साधने का दांव चल सकते हैं विश्वस्त सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही अपने कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं. संभव है कि दो अक्टूबर से पहले यूपी कैबिनेट में फेरबदल किया जा सकता है. हालांकि, बहुत कुछ केंद्र की मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार पर भी निर्भर करेगा. वहीं, योगी सरकार के मंत्री चेहत चौहान और कमला रानी का कोरोना के चलते निधन हो गया है, जिसके चलते उनके मंत्रालय खाली हो गए हैं. इसके अलावा मंत्रिमंडल में 4 सीट पहले से खाली हैं उत्तर प्रदेश में विधायकों की संख्या के हिसाब से मंत्रिपरिषद में 60 सदस्यों को शामिल किया जा सकता है. योगी सरकार ने पिछले साल 21 अगस्त को मंत्रिमंडल विस्तार किया था. 23 मंत्रियों ने शपथ ली थी जिसमें 18 नए चेहरे को जगह दी गई थी. इस तरह से मौजूदा योगी कैबिनेट में 56 सदस्यीय मंत्रिपरिषद थी. हाल ही में प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमला रानी वरुण और होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान की कोरोना से मृत्यु के बाद यह संख्या 54 रह गई है. मंत्रिपरिषद में छह स्थान खाली हैं. ऐसे में योगी सरकार अपनी मंत्रिपरिषद में 6 नए लोगों को शामिल कर उन्हें मौका दे सकते हैं.