ऊंचाहार के दो गांवों में सामने आए प्रधानों के कारनामे

ऊंचाहार (रायबरेली ) क्षेत्र के दो गांवों में प्रधानों ने खासा खेल कर दिया है । एक गांव में बेशकीमती सरकारी भूमि को प्रधान ने बेंच दिया है तो दूसरे गांव के मनरेगा में खेल हुआ है । गांव के सहकारिता सचिव को मनरेगा में काम करने का भुगतान कर दिया गया है । अब मामले की शिकायत ग्रामीणों ने की है तो अधिकारियों की नींद टूटी है और जांच के आदेश दिए गए है ।        पहला मामला क्षेत्र के गांव सलीम पुर भैरो गांव का है ।

गांव के रंजीत मिश्र , सुनील मिश्र ,जितेंद्र मिश्र और धर्मेन्द्र मिश्र ने  जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मनरेगा में बड़े भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है । ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के मनरेगा मजदूरों को काम नहीं दिया जा रहा है । जबकि गांव के निवासी सहकारिता विभाग के एक सचिव को मनरेगा में काम करने की उपस्थिति दिखाकर उसे भुगतान किया गया है । यही नहीं अधिकतर मनरेगा श्रमिकों के जॉब कार्ड प्रधान अपने घर में रखे हुए है । ग्रामीणों की इस शिकायत पर जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारी को जांच का आदेश दिया है ।  

    उधर दूसरा मामला क्षेत्र के होरेसा गांव का है । गांव की भूमि संख्या 330 राजस्व अभिलेखों में खलिहान सुरक्षित भूमि दर्ज है । गांव के  राहुल सिंह ने जिलाधिकारी , मुख्यमंत्री और राजस्व परिषद में शिकायती पत्र भेजकर आरोप लगाया है कि इस भूमि को गांव के प्रधान ने कई लोगो को बेंच दिया है । जिसमे से कुछ लोगो ने भवन निर्माण कर लिया है । जबकि कुछ लोग खेत बनाकर फसल बो दिए है । मामले में जब शिकायत हुई तो राजस्व विभाग की एक टीम गांव पहुंची और भूमि की पैमाईश की है । जिसमे आरोपों की पुष्टि हुई है ।

अब राजस्व विभाग ने अवैध रूप से सुरक्षित भूमि पर कब्जा करने वालों को तत्काल भूमि से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है ।      उपजिलाधिकारी केशव नाथ गुप्ता का कहना है कि सुरक्षित भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है ।

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