Kausambi- 3 दिन में मुकदमा दर्ज कराने के डीपीआरओ के निर्देश के बाद भी एडीओ पंचायत ने नहीं दर्ज कराया मुकदमा
Kausambi-कौशांबी मंझनपुर विकासखंड क्षेत्र के अम्बावा पश्चिम गांव में डेढ़ साल पहले लाखो की सरकारी रकम से व्यक्तिगत लाभ दिए जाने के मामले में जांच के बाद ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव का दोष उजागर हुआ गांव के पशुपतिनाथ को निजी लाभ दिए जाने के उद्देश्य से लाखों की सरकारी रकम से उनकी निजी भूमि पर इंटरलॉकिंग लगाए जाने का मामला जांच के दौरान प्रकाश में आया मामले में सरकारी रकम की हेरा फेरी उजागर होने के बाद एडीओ पंचायत मंझनपुर कमलाकांत मिश्रा को आरोपी पशुपतिनाथ के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश 13 दिसंबर को जिला पंचायत राज अधिकारी ने देते हुए कहा के 3 दिन के अंदर मुकदमा दर्ज कराकर प्रथम सूचना रिपोर्ट की कॉपी उन्हें उपलब्ध कराए लेकिन 13 दिसंबर से 19 दिसंबर बीत चुके हैं 7 दिन बीत जाने के बाद अपने सीनियर अधिकारी के निर्देश के बाद भी आरोपी के विरुद्ध एडीओ पंचायत ने मुकदमा नहीं दर्ज कराया है जिससे अफसरो के आदेश का कड़ाई से पालन करने का अंदाजा लगाया जा सकता है और लापरवाही करने वाले अपने अधीनस्थ कर्मचारियों अधिकारियों पर कार्यवाही करने को जिला पंचायत राज अधिकारी भी तैयार नहीं दिखाई पड़ रहे हैं अनुशासनहीनता बरतने वाले एडीओ पंचायत पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है सवाल उठता है कि क्या जिला पंचायत राज अधिकारी के आदेशों की इसी तरह धज्जियां उड़ती रहेगी लेकिन उन्हें अपने खुद के आदेश का पालन कराने का समय नहीं दिखाई पड़ रहा है या फिर आदेश जारी करके केवल ड्रामेबाजी होती और पर्दे के पीछे कुछ और होता है सवाल उठता है कि जब जिला पंचायत राज अधिकारी ने 3 दिन में मुकदमा दर्ज कराकर प्रथम सूचना रिपोर्ट की कॉपी उपलब्ध कराने का निर्देश एडीओ पंचायत को दिया था और उन तक मुकदमे की कॉपी नहीं पहुंची तो 3 दिन के बाद उन्होंने एडीओ पंचायत पर क्या कार्रवाई की है इसका जवाब भी डीपीआरओ देने को तैयार नहीं है जिससे बिकास योजनाओं में धांधली करने वाले आरोपियों को बचाने के कवायद का अंदाजा लगाया जा सकता है इतना ही नहीं इस प्रकरण में अभी तक सरकारी रकम को गलत तरीके से खर्च करने वाले ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव पर कार्रवाई नहीं हो सकी है दोषियों को बचाने के लिए पूरी रणनीति बनाई जा रही है आखिर जिस ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव ने व्यक्तिगत निजी लाभ देकर लाखो की सरकारी रकम को बर्बाद किया है उस पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान को निलंबित कर डीपीआरओ ने अभी तक शासन को रिपोर्टिंग क्यों नहीं की है यह जिला पंचायत राज अधिकारी के कार्य पर बड़े सवाल खड़े हैं मामले को जिला अधिकारी ने संज्ञान लिया तो दोषी ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव की मुसीबत बढ़ेगी वा जिला पंचायत राज अधिकारी के भी कारनामे की कलई खुलना तय है