कुशीनगर: स्वास्थ्य महकमे ने मरीज़ों को छोड़ दिया राम भरोसे, आरटीपीसीआर की रिपोर्ट चाहिए तो करना होगा 14 से 15 दिन का इंतज़ार
कुशीनगर। एक तरफ जहां पूरा देश कोविड-19 महामारी के विभीषिका से लड़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों द्वारा गैर जिम्मेदाराना रवैया इस लड़ाई को नुकसान पहुंचा रहा है. कोविड-19 महामारी की लड़ाई में टेस्टिंग और ट्रेसिंग महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है लेकिन जब टेस्टिंग और ट्रेसिंग जैसे अति महत्वपूर्ण कार्यों में स्वास्थ्य विभाग की हीला-हवाली सामने आने लगे तो पूरी मुहिम को कहीं ना कहीं धक्का लगता नजर आता है.
मामला कुशीनगर जिले से जुड़ा हुआ है जहां मरीज़ों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा राम भरोसे छोड़ दिया गया है। जानकारी के मुताबिक मरीजों को आरटीपीसीआर की रिपोर्ट के लिए 14 से 15 दिन का इंतज़ार करना पड़ रहा है। मामला यहां थोड़ा उल्टा है. दरसअल कुशीनगर के स्वास्थ्य कर्मचारी कोविड पॉजिटिव की रिपोर्ट मरीज़ को तब दे रहे हैं जब मरीज संक्रमण मुक्त या जीवन मुक्त हो गया हो। जांच रिपोर्ट के मुताबिक जिन मरीजों ने 24 अप्रैल को अपनी कोविड-19 जांच करवाई थी, उनकी रिपोर्ट आज 9 मई को दी गई। इनमें से कुछ या जीवन मुक्त हो गए हैं या कोरोना मुक्त हो गए हैं। लेकिन इस बीच उनके संपर्क में जो भी लोग आए होंगे उनमें भी कोरोना संक्रमण का खतरा हो सकता है।
वहीं दूसरी तरफ उनके परिजनों ने बताया कि वे इस बीच अपने मरीजों का घर पर ही इलाजा कर रहे थे, लेकिन जब हालत बिगड़ने लगी तब उनके परिजनों ने आला अधिकारियों से शिकायत की, जिसके बाद आनन-फानन में उनकी रिपोर्ट को मंगवाया गई। जिसमें वह पॉजिटिव बताई जा रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि जब 15-15 दिनों तक कोविड -19 टेस्ट रिपोर्ट ही नहीं मिलेगे तो हम इस महामारी के खिलाफ कैसे लड़ेंगे और जीतेंगे।